राजस्थान: आने वाले चुनावों को ध्यान में रखते हुए भाजपा कोई न कोई नई रणनीति तैयार करती रहती है. इस बार भी लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी एक नया फार्मूला तैयार करने वाली है. इसके अनुसार, जो लोग संगठन में काम करेंगे, उनको टिकट नहीं दी जाएगी. वहीं जो चुनाव लड़ेंग उन्हें संगठन के कामकाजों से मुक्ति दी जाएगी. चुनाव के बाद संगठन में शामिल लोगों को नई जिम्मेदारी मिलेगी.
महामंत्री रामलाल ने यह तय किया संगठन में काम करने वालों को टिकट नहीं दिया जाएगा
स्थानीय मीडिया की जानकारी के अनुसार, इस बारे में बीजेपी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रामलाल ने पिछले दिनों हुई एक कार्यसमिति मीटिंग के दौरान संगठन प्रभारियों और जिलाध्यक्षों के समक्ष यह सब कहा है. बीजेपी के नेताओं का मानना है कि जो लोग संगठन के साथ है, यदि वो लोगों चुनावी मैदान में उतरते है तो वह संगठन का काम सुचारू रूप से नहीं कर पाते है. ये ही नहीं बल्कि चुनावी क्षेत्र में भी अपना पूरा योगदान नहीं दे पाते है. क्योंकि इनसे उनकी जिम्मेदारियों ओर बढ़ जाती है. जिसे वह सही से नहीं निभा पाते है. ऐसी स्थिति से निपटने के लिए महामंत्री रामलाल ने यह तय किया है कि संगठन में काम करने वालों को टिकट नहीं दिया जाएगा.
150 नेता प्रभावित
अपितु जिन सांसद और विधायकों को टिकट दिया जाएगा, उन्हें संगठन की जिम्मेदारियों से मुक्त किया जाएगा. राष्ट्रीय संगठन महामंत्री ने आगे कहा है कि किन्हें टिकट देना है और किसे नहीं देना है, यह शीर्ष नेतृत्व तय करेगा. संगठन के नेताओं को टिकट प्राप्त करने की कोशिश में नहीं रहना चाहिए. रामलाल के बातों के मुताबिक अगर बीजेपी चुनाव में टिकट बांटती है तो इससे लगभग 150 नेता प्रभावित हो सकते है. इन सब में संगठन प्रभारी, जिलाध्यक्ष, प्रदेश पदाधिकारी से लेकर मोर्चा की टीम तक शामिल है.
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बता दें कि आने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा की टीम अभी से ही तैयारियों में जुट गई है. मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया पूरे राज्य में जाएंगी. सूत्रों की मानें तो, मुख्यमंत्री की यात्रा की तैयारियों को लेकर 25 जुलाई को प्रदेश भाजपा कार्यालय में बैठक बुलाई गई है.