बीजेपी विधायक पर लॉकडाउन के नियमों का न पालन करने का आरोप

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बीजेपी विधायक
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बीजेपी विधायक पर लॉकडाउन के नियमों का न पालन करने का आरोप

कोरोना वायरस ने दुनियाभर में कोहराम मचा रखा है। कोरोना के प्रकोप को देखते हुए विश्व के शक्तिशाली देश में बेबस नज़र आरहे है , पूरे विश्व भर में चिंता और भय का माहौल पैदा हो गया है। भारतवर्ष में कोरोना से निपटारे के लिए मुहीम जारी है। सम्पूर्ण देश में सरकार द्वारा लॉक डाउन के निर्देश दे दिए गए है। और “SOCIAL DISTANCING ” का भी सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए गए है।

बीजेपी विधायक

वही महाराष्ट्र के वर्धा ज़िले की अर्वी विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक दादाराव केचे इस निर्देश कि धज्जियां उड़ाते नज़र आये है। रविवार को अपने जन्म दिवस के उपलक्ष में शनिवार की शाम एक रिक्शे पर उनकी तरफ़ से लोगों के बीच ये घोषणा की गई कि विधायक के घर पर अगले दिन ग़रीबों के बीच राशन बटवाने का कैंप लगाया जाएगा, जरूरत मंदो के बीच राशन बटवाने काफी नेक काम है , लेकिन ऐसी परिस्थिति जहां देश कोरोना वायरस के प्रकोप से जुजा रहा है , और कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने का एक मात्र उपाय “SOCIAL DISTANCING ” है ,

बीजेपी विधायक दादाराव केचे

लॉकडाउन के कारण कई ग़रीब लोग रविवार को विधायक के घर पहुंच गए. और कुछ ही देर में वहां पहुंचने वालों की संख्या सैकड़ों में हो गई, लोगों ने न केवल फ़्री में मिल रहे राशन को लिया बल्कि कई तो दूसरे के हिस्से का भी छीनने लगे.

सैकड़ों की भीड़ देखकर एक स्थानीय नागिरक ने पुलिस को फ़ोन कर इसकी जानकारी दे दी। पुलिस ने देश की मौजूदा हालत देखते हुए एक्शन लेते हुए विधायक के घर को सील कर दिया और वहां पर कुछ पुलिसकर्मी भी तैनात कर दिए गए।

कोरोना वायरस से निपटने के लिए देश भर में लॉकडाउन है और महाराष्ट्र सरकार ने सभी जगहों पर धारा 144 लगा रखी है. इस कारण सार्वजनिक जगहों पर लोगों के जमा होने पर पाबंदी लगी हुई है, अर्वी के एसडीओ हरीश धार्मिक के अनुसार शुरुआती जाँच से पता चला है कि विधायक केचे ने क़ानून तोड़ा है और इसलिए उनके ख़िलाफ़ केस दर्ज कर लिया गया है।

एसडीओ के अनुसार विधायक से इस तरह के किसी आयोजन के लिए ज़िला प्रशासन से कोई इजाज़त नहीं मांगी थी, एसडीओ ने कहा कि पूरी जाँच पड़ताल के बाद प्रशासन विधायक के ख़िलाफ़ आगे की कार्रवाई करेगा।

बीजेपी विधायक दादाराव

बीबीसी के खबर के मुताबिक एक स्थानीय संगठन प्रहार संगठन के बाला जगताप के अनुसार “बीजेपी के नेता तब्लीग़ी जमात के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग करते रहते हैं, अब जबकि उनके ही अपने विधायक ने ऐसा किया है तो क्या पार्टी अपने विधायक के ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई करेगी.”

जगताप ने आगे कहा, “बीजेपी कहती है कि तब्लीग़ी जमात वालों ने सोशल डिसटेंसिंग का पालन नहीं किया और कोरोना वायरस फैलाया और इसलिए उन्हें देश से बाहर निकाल देना चाहिए तो अब क्या बीजेपी अपने विधायक को देश के बाहर निकालेगी या कम से कम उन्हें अपनी पार्टी से निकालेगी.”

लेकिन अपना बचाव करते हुए विधायक दादाराव केचे कहते हैं, ”स्थानीय विधायक होने के नाते मैं नागरिकों की एक बैठक ख़ुद बुलाई थी और उनसे अपील की थी कि एक दूसरे से दूरी बनाएं रहें और ज़्यादातर अपने घरों में रहें. इसलिए ये सही नहीं है कि मेरे समर्थक मेरे जन्मदिन के मौक़े पर मेरे घर के सामने भारी संख्या में जमा हुए थे. ये विपक्ष की साज़िश है. विपक्षी पार्टी के लोगों ने ये अफ़वाह फैला दी कि विधायक फ़्री राशन बांटेगे जिसके कारण सैकड़ों लोग मेरे घर के पास जमा हो गए.”

दादाराव ने आगे कहा, ”इस महामारी के समय मैंने अपने क्षेत्र के लोगों की सुरक्षा की अपील की थी. कुछ लोगों ने मुझे जन्मदिन की बधाई दी थी, लेकिन विपक्ष ने ये अफ़वाह फैलाई है. पुलिस ने भी तभी जाँच की जब मैं घर पर नहीं था. मुझे बदनाम करने के लिए ये विवाद पैदा किया गया है.”

विपक्ष ने विधायक दादाराव केचे पर निशाना साधते हुए कहा कि जहाँ देश में महामारी चल रही है , वही बीजेपी नेता अपने जन्मदिन माने रहे तो सरकार को इस पर विचार करना चाहिए।

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जहां सरकार द्वारा आम जनता से लॉक डाउन को गंभीरता से लेने की अपील की जा रही , वही सरकार के एक विधयक कि ऐसी गैर -जिम्मेवार हरकत से मुसीबत का सबब उत्पन्न होना लाजिमी है।

साभार : बीबीसी हिन्दी