बीजेपी सांसद ने किया दोषी राम रहीम का बचाव!

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बीजेपी सांसद ने किया दोषी राम रहीम का बचाव!
बीजेपी सांसद ने किया दोषी राम रहीम का बचाव!

जहाँ एक तरफ हाई कोर्ट ने राम-रहिम को रेप के मामलें में दोषी ठहरा दिया है, तो वहीं दूसरी तरफ बीजेपी के एक सांसद राम-रहिम के बचाव में सामने आये है। जी हाँ, चौंकियें मत, बीजेपी के एक सांसद ऐसे है, जो दोषी का बचाव करते नजर आये हैं। अब करें भी क्यों न बचाव आखिर डेरे की बदौतल तो बीजेपी ने वहाँ 7 सीटें जीती थी, तो शायद वोट का कर्ज उतार रहे हो बीजेपी के ये सांसद। चलिये, अब आपको बताते है कि वो महानुभवी शख्स कौन है, जिन्होंने रेप के दोषी का बचाव किया है।

विवादित बयानों की वजह से लगातार सुर्खियां बटौरने वाले बीजेपी के सांसद साक्षी महराज एक बार फिर से सुर्खियों में छा गये है। जी हाँ, बीजेपी के विवादित सांसद साक्षी महाराज ने बलात्कार मामले में दोषी करार दिए गए डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह का बचाव किया है। आपको बता दें कि साक्षी महाराज ने राम रहीम को सीधा सादा इंसान बताते हुए कहा कि आरोप एक व्यक्ति ने लगाया है,जबकि डेरा प्रमुख के करोड़ों अनुयायी हैं। राम-रहिम का बचाव करते हुए बीजेपी सांसद ने सवाल किया कि क्या करोड़ों अनुयायी गलत है?

बीजेपी सांसद यही नहीं रूके देश की अदालतों पर सवाल उठाते हुए साक्षी महाराज ने कहा कि उच्चतम न्यायालय या उच्च न्यायालय जामा मस्जिद के इमाम को क्यों नहीं तलब करता? बीजेपी के सांसद ने विवादित बयान देते हुए कहा कि यह सवाल है कि देश की अदालतें मस्जिदों को क्यों तलब नहीं करती है? साथ ही बीजेपी नेता ने कहा कि उच्चतम न्यायालय या उच्च न्यायालय जामा मस्जिद के इमाम को क्यों नहीं तलब करता? मस्जिद अदालत के रिश्तेदार हैं क्या?’’

आपको बता दें कि गुरमीत राम रहीम को सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने 15 साल पुराने साध्वी यौन शोषण मामले का दोषी करार दिया है। डेरा प्रमुख को दोषी करार दिए जाने के बाद से ही उनके समर्थक आक्रामक हो गए, समर्थकों ने पंजाब, हरियाणा समेत पांच राज्यों में जमकर उपद्रव मचाया है। आपको यह भी बता दें कि समर्थकों द्वारा फैलाई हिंसा में अब तक 33 लोगों की मौत हो चुकी है और ढाई सौ से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं।

बीजेपी के सांसद साक्षी महाराज के इस विवादित बयान से उनकी जमकर आलोचना की जा रही है। यहाँ सवाल यह खड़ा होता है कि जिस न्याय की बीजेपी बात करती है,क्या उसी न्याय पर बीजेपी के सांसद ही एकमत नहीं हो पाते हैं, तो औरों से क्या उम्मीद की जाए।