कोरोना वायरस का कहर दुनियाभर में है। कोरोना वायरस के कारण व्यवसाय से लेकर लोगों की रोज़मर्रा जीवन काफी बड़े स्तर पर प्रभावित हुई जहां , कोरोना वायरस के कारण टूरिज्म , एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री समेत कई सेक्टर में लोगों ने बड़ी मात्रा में मार झेली वही ऐसे कई सेक्टर भी है जो कोरोना वायरस के कारण व्यावसायिक क्षेत्रों में बढ़ावा मिला है।
स्कूल और विश्वविद्यालय बंद होने से 180 से अधिक देशों में 1.5 बिलियन शिक्षार्थी प्रभावित हुए हैं। लोगो को कभी पता भी नहीं था की अगर स्कूल , कॉलेज बंद हो जाएंगे तो ऑनलाइन क्लासेस द्वारा इतने बड़े सत्तर पर यह समस्य हल हो जाएंगी। शिक्षक पहली बार Google क्लासरूम में अपना हाथ आज़मा रहे हैं। ज़ूम एप्लीकेशन द्वारा एक साथ कई बच्चे ई-लर्निंग को बढ़वा दे रहे है। ऑनलाइन लर्निंग सेक्टर बेशक तौर पर कोरोना वायरस के कारण बूस्ट हुआ है।
कोरोनावायरस के लिए अभी तक कोई दवा या वैक्सीन उपलब्ध नहीं हैं, इसलिए टीके या उपचार खोजने की कोशिश में भारी मात्रा में संसाधन डाले जाते रहे हैं। कनाडा ने सीएडी 192 मिलियन ($ 136 मिलियन) का बजट विकसित किया है और टीकों का उत्पादन और बड़े पैमाने पर उत्पादन किया है।कोरोना वायरस के कारण दवाइयों , सांइटिज़ेर की डिमांड बड़े पैमाने पर बढ़ी।
कोरोना वायरस के केहर के कारण बहुत से लोगो को अपनी जॉब गावनि पड़ी, जिसके कारण लोग फ्रीलांसिंग वर्क की तरफ आगे बढे है और इसमें बड़े पैमाने पर उछाल देखा गया। इसे के साथ ऑनलाइन सर्विसेज की भी डिमांड काफी बढ़ी है।
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नोट और सिक्के रोगाणु ले जाते हैं, और इस संकट ने लोगों को केवल इतना जागरूक किया है कि कठिन नकद रोगजनकों के लिए एक वाहन हो सकता है। महामारी ने कुछ देशों को लोगों को नकदी के लिए भौतिक जोखिम से रोकने के उपाय करने के लिए प्रेरित किया, यहां तक कि धन को भी सीमित किया। इसके प्रकोप के चरम पर चीन ने संक्रमित प्रांतों से बैंकनोटों को अलग, अलग और जला दिया।