बसपा सुप्रीमो मायावती ने प्राधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को निशाने पर लिया

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एक दौर था जब बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष सुश्री मायावती अपना जन्मदिन धूमधाम से मनाती थी. लेकिन अब मोदीराज में उन्होंने शानोशौकत से दूरी बनाकर सादगी को अपना लिया है. आज बसपा सुप्रीमो मायावती का 62वां जन्मदिन है. इस ख़ास मौके को उनकी पार्टी ‘जन कल्याणकारी दिवस’ के रूप में मना रही है.

जन्मदिन के अवसर पर मायावती अपने जीवन पर आधारित किताब के 13वें संस्करण ‘मेरे संघर्षमय जीवन और बीएसपी मूवमेंट का सफरनामा’ का विमोचन करेंगी. इस किताब को ब्लू बुक का नाम दिया गया है.

पीएम मोदी पर निशाना साधा

अपने जन्मदिन के अवसर पर पार्टी कार्यकर्ताओं और मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आड़े हाथो लिया. उन्होंने कहा, ‘हर हर मोदी, घर घर मोदी वाले नरेंद्र मोदी इस बार गुजरात में बेघर होते होते बचे. आज़ादी के बाद से कांग्रेस और बीजेपी ने हर वर्ग को नुकसान पहुंचाया है. आज देश के हर राज्य में सांप्रदायिक और जातिवाद का माहौल बनाया जा रहा है.’

बीएसपी के महासचिव मुनकाद अली ने बताया कि प्रदेश भर के सभी ज़िलों में पार्टी के नेता और कार्यकर्ता बहनजी के जन्मदिवस को जन कल्याण के रूप में मनाएंगे. इस मौके पर केट काटने के साथ-साथ सर्वसमाज के अति गरीब, असहाय व अति जरूरतमंद लोगों की विभिन्न रूपों में मदद की जाएगी.

मुनकाद अली ने ये भी बताया कि  मायावती जी लखनऊ पार्टी कार्यालय में प्रेस को संबोधित करेंगीं. इस मौके पर वो बसपा की ब्लू बुक मेरे संघर्षमय जीवन एवं बसपा मूवमेंट का सफरनामा भाग 13वें संस्करण का विमोचन भी करेंगी.

Modi -

मायावती की इस किताब में बहुजन समाज पार्टी के खड़े होने की शुरुआती दौर की कहानी है. बीएसपी कार्यकर्ताओं को इन किस्सों और बीते हुए वक़्त से सीख लेकर एक बार फिर पार्टी को मज़बूती देने का संकल्प दिलाया जाएगा.

एक दौर में जन्मदिन पर होता था भव्य आयोजन

जब मायावती सत्ता में थी तो उनके जन्मदिन पर लखनऊ में एक बहुत बड़ी रैली निकलती थी. कई बार ये इलज़ाम भी लगे कि उनके जन्मदिवस के मौके पर पैसे वसूले गए. लेकिन अब जब वो सत्ता से बाहर हैं तो इस दिन को जन कल्याणकारी दिवस के रूप में मनाया जा रहा है. मायावती के जन्मदिन पर उनके द्वारा किए गए संघर्षों की किताब ब्लू बुक को हथियार बनाया गया है. इसके ज़रिये पार्टी को फिर से अस्तित्व में लाने के लिए कितना संघर्ष किया गया उसकी जानकारी आम कार्यकर्ताओं को देने की तैयारी की जा रही है.

कयास लगाए जा रहे हैं कि मायावती ब्लू बुक के ज़रिए 2019 की सियासी बिसात बिछाने की जुगत में हैं. ये भी खबरे हैं कि मायावती इस मौके पर सहारनपुर हिंसा में शब्बीरपुर कांड के तहत दलित उत्पीड़न के मुद्दे पर बनी सीडी को भी दिखा सकती हैं.