बुंदेलखंड: ग्राम पंचायतों को दी जायेग़ी इस चीज की ट्रेनिंग, इस जगह बनेगा इंस्टीट्यूट

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एक अनोखी पहल के रूप में बुंदेलखंड की ग्राम पंचायतों के प्रशिक्षण का गढ़ अकबरपुर इटौरा को बनाया जा सकता है। यह इंस्टीट्यूट प्रदेश का पहला केंद्र है। यहां पंचायतों के सशक्तीकरण पर कार्य शुरू किया जा रहा है। इसका पूरा लाभ बुंदेलखंड की ग्राम पंचायतों को मिलेगा। यह बात नेहरू युवा केंद्र के पूर्व राष्ट्रीय निदेशक तथा तीसरी सरकार अभियान के संयोजक डॉ चंद्रशेखर प्राण ने अकबरपुर इटौरा में विलेज पंचायत एंपावरमेंट इंस्टीट्यूट का उद्घाटन करते हुए कही।

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इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर अमित द्विवेदी इतिहास की प्रशंसा करते हुए कहा, उन्होंने पंचायत पर एक ऐसा काम शुरू किया है जो पूरे प्रदेश में अनोखा है। जानकारी के अभाव में ही पंचायतें अभी वह स्थान हासिल नहीं कर सकीं, जिसका सपना कभी महात्मा गांधी ने देखा था। यह प्रयास गांधी के सपनों को साकार करने का प्रयास है। संस्था के निदेशक अमित द्विवेदी इतिहास ने बताया कि यह संस्थान ग्रामीणों तथा जानकारी लेने वालों को ग्राम पंचायतों से जुड़ी सभी जानकारियां देगा तथा पंचायती राज व्यवस्था के बारे में विस्तार से समझाएगा।

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बाराबंकी से आए संस्थान के संयुक्त निदेशक सुल्तान मेहंदी, कन्नौज से आईं समन्वयक काव्या सिंह, महोबा से आए सामाजिक कार्यकर्ता अरविद कुशवाहा, सारिका तिवारी आनंद, अरविद शुक्ला कालपी, रफीक मुहम्मद आदि ने भी संबोधित किया। अध्यक्षता आलोक पुरवार ने की। हर्षित खन्ना, आराधना चौहान, राजीव दुबे, निजाम, अशरफ अली, अनिल वर्मा सहित अन्य सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे।