बुन्देलखंड(ओरछा ):गाँव में अनाज लूटते है और शहर में आबरू, आखिर लोग जाए तो जाए कहाँ ?

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भारत एक ऐसा देश जहाँ गरीब से गरीब और अमीर से अमीर लोग रहते है l जहाँ शहर में रहने वाले लोगो की जिंदगी जितनी तेज़ और आसन होती है , ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों की जिंदगी  उतनी ही मुश्किल और ठहरी हुई l ग्रामीण लोगों को हर दिन अपना जीवन चलाने के लिए एक नए संघर्ष का सामना करना पड़ता है l

मुश्किलों से गुज़र रहा है बुन्देलखंड का ये गाँव
ऐसा ही कुछ हो रहा ,बुन्देलखंड शहर के टीकमगढ़ जिले के ओरछा गाँव में l जी हाँ ,’स्टॉकहोम वॉटर प्राइज’ से सम्मानित और जलपुरुष के नाम से चर्चित राजेंद्र सिंह ने कहा कि पानी के संकट और सरकारों के उपेक्षित रवैये के चलते इस इलाके पर हर तरफ से चोट हो रही है। रोजगार की तलाश में परदेस जाते हैं तो वहां बहू-बेटियों की इज्जत पर संकट होता है और घर में रहकर भगवान की नाराजगी का खौफ पैदा कर कथित पंडे अनाज तक लूट ले जाते हैं।

गाँव में बचे है सिर्फ बुज़ुर्ग और बच्चे
दरअसल राजेंद्र सिंह ,जन-आंदोलन 2018 के सिलसिले में आयोजित एक सम्मेलन में हिस्सा लेने ओरछा पहुंचे थे ,जहाँ उन्होंने आईएएनएस द्वारा जारी किये गए एक रिपोर्ट के आधार पर बताया कि ,यह वह इलाका है जहां 60 फीसदी से ज्यादा जल स्त्रोत पूरी तरह सूख चुके हैं, फसलों की पैदावार मुश्किल हो गई है, रोजगार के अवसर नहीं हैं, 50 फीसदी से ज्यादा लोग यहाँ से शहरों की ओर पलायन कर गए हैं, गांव में अब सिर्फ बुजुर्ग और बच्चे ही ज्यादा बचे हैं।

लूट लेते है महिलाओं की इज्ज़त ,पुरुषो को बनाते है बंधुआ
रिपोर्ट में बताई गयी चीजे बहुत चौका देने वाली है , दरअसल जो लोग पलायन करके दुसरे शहरों में जाते है या तो उनकी बेटियों और बीवियों की आबरू लूट ली जाती है ,उनका सौदा कर उनको बेच दिया जाता है l राज्य की हर एक युवती ,महिला इसी खौफ में जीती है l यहाँ ना खाने की व्यवस्था है और न ही पीने की l जहाँ एक और महिलाओं को अगवा कर उनका बलात्कार किया जाता है वहीँ दूसरी ओर पुरुषो से मजबूरन बंधुआ मज़दूरी करवाई जाती है l

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जुमलों और बयानबाजियों से सरकार मोड़ रही है सच से मुंह
इस रिपोर्ट को दिखाते हुए सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर सवाल उठाये l जिसके जवाब में शिवराज सरकार को ओर ओर से दावा किया गया कि बुंदेलखंड की स्थिति पर नजर रखी जा रही है l जब सरकार से इस रिपोर्ट के बारे में पूछा गया तो उन्होंने रिपोर्टस के विपरीत बात कही ,सरकार द्वारा जारी किये गए ब्योरे के मुताबिक इलाके के लगभग 88 फीसदी हैंडपंप ठीक है l जिस पर राजेंद्र सिंह ने कहा कि जब आंख का पानी सूख जाए तो उसे धरती का पानी कहां समझ में आएगाl उन्होंने आगे कहा कि ,सरकारों के साथ यही दिक्कत है ,जब कोई रिपोर्ट किसी सत्य को उजागर करती है ,तो सरकार उस पर पर्दा डालने पर ज़रा सी भी देरी नहीं करती l उन्होंने बताया कि बुंदेलखंड के रेलवे स्टेशन पर जा कर देखा जा सकता है ,कि कितने लोग हालातों के हाथों मजबूर होकर बुदेलखंड छोड़ रहे है l अगर यहाँ वाकई रोज़गार होता तो यहाँ के निवासी पलायन के लिए क्यों विवश होते ?उन्होंने सरकार से पूछा सरकार बताए कि उसने किसी अफसर को इन स्टेशनों पर भेजना उचित समझा क्या?

भगवान के नाम पर अनाज भी नहीं छोड़ते
यहाँ सिर्फ एक ही मुद्दा नहीं है ,भगवान् के नाम पर लोगों के घर से अनाज भी लुटे जाते है l ओर कुछ कथित पंडे, लोगों को यह डर दिखाते हैं कि भगवान नाराज हैं, इसलिए यह स्थितियां बनी है, लिहाजा पूजा पाठ के लिए वे अनाज दान करें। लोग उनके बहकावे में आ जाते हैं और घरों में रखे अनाज को पूजा-पाठ के नाम पर उन्हें सौंप देते हैं।अगर सरकार इसी प्रकार से अपना सारा ध्यान बयाबाज़ी और जुम्लेबाज़ियों पर रखेगी तो यहाँ रहने वाले लोगो की हालत बाद से बदतर हो जायेगी l