नई दिल्ली: केंद्र सरकार कोविड-19 के कारण UPSC परीक्षा से वंचित छात्रों को एक और मौका देने के पक्ष में नहीं है. केंद्र ने शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय को बताया कि वह पिछले साल महामारी के कारण संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा में शामिल नहीं होने से अपना आखिरी मौका गंवा देने वाले अभ्यर्थियों को एक और अवसर नहींं दे सकती.
एक और अवसर देने को तैयार नहीं केंद्र
न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर के नेतृत्व वाली पीठ ने कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) की तरफ से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू के निवेदन का संज्ञान लिया कि सरकार कोविड-19 महामारी के कारण 2020 में सिविल सेवा (UPSC) अभ्यर्थियों को एक और अवसर देने को तैयार नहीं है.
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने पीठ से कहा, ‘हम एक और अवसर देने को तैयार नहीं है. मुझे हलफनामा दाखिल करने का समय दीजिए. कल गुरुवार रात मुझे निर्देश मिला है कि हम इस पर तैयार नहीं हैं. ’
पीठ में न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी भी थे.
कोर्ट ने अभ्यर्थी की याचिका को 25 जनवरी के लिए किया सूचीबद्ध
पीठ ने सिविल सेवा की अभ्यर्थी रचना की याचिका को 25 जनवरी के लिए सूचीबद्ध किया है और केंद्र से एक हलफनामा दाखिल करने को कहा है.
इससे पहले, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को बताया था कि सिविल सर्विसेज के ऐसे उम्मीदवारों को सरकार एक और मौका देने पर विचार कर रही है.