Chhatarpur Rescue Operation Latest News: बोरवेल में गिरी एक साल की मासूम, रेस्क्यू में लगी पुलिस, एसडीआरएफ और सेना
हाइलाइट्स
- नौ घंटों से जारी है बोरवेल में गिरी बच्ची को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन
- गुरुवार दोपहर साढ़े तीन बजे बोरवेल में गिरी थी मासूम
- बचाने के काम में लगी पुलिस, एसडीआरएफ और सेना
- कैमरे से रखी जा रही बच्ची पर नजर, पाइप से ऑक्सीजन पहुंचाया जा रहा
जयप्रकाश, छतरपुर
मध्य प्रदेश में छतरपुर जिले के दौनी गंव में एक साल एक महीने की बच्ची आठ घंटों से से सूखे बोरवेल में फंसी हुई है। पुलिस के साथ एसडीआरएफ और सेना की टीमें बच्ची को निकालने के लिए रेस्क्यू में लगी हैं, लेकिन अब तक कामयाबी नहीं मिली है। इसके लिए बोरवेल के बगल में एक और गड्ढा खोदा गया है। अंदर कैमरा डालकर बच्ची पर नजर रखी जा रही है। प्रशासन का दावा है कि बच्ची को जल्द ही सुरक्षित बचा लिया जाएगा।
दौनी गांव नौगांव थाना क्षेत्र के अंतर्गत लुगासी चौकी के पास स्थित है। एक साल एक महीने की दिव्यांशी अपनी मां के सथ खेत में खेल रही थी। खेलते-खेलते वह सूखे बोरवेल में जा गिरी। बोरवेल आठ दिन पहले ही खोदा गया और उसमें पानी नहीं है। इसकी गहराई करीब 80 फीट बताई जा रही है, लेकिन बच्ची करीब 15 फीट नीचे फंसी हुई है।
खेत में बनी झोपड़ी के पास खेल रही थी बच्ची
जानकारी के अनुसार राजेश कुशवाहा का एक मकान खेत में बना हुआ है। गुरुवार दोपहर करीब सााढ़े तीन बजे उसकी पत्नी रामसखी कुशवाहा अपनी तीनों बेटियों के साथ खेत में मौजूद थी। खेलते-खेलते दिव्यांशी कुछ दूर निकल गई और खेत मे ही बने बोरवेल में जा गिरी। थोड़ी देर बाद उसकी बहनों ने ढूंढना शुरू किया तो दिव्यांशी कहीं नहीं दिखी। उन्होंने आवाज दी तो बोरवेल से रोने की आवाज आई। उन्होंने अपनी मां को इस बारे में बताया। इसके बाद तो यह खबर आग की तरह फैल गई। बड़ी संख्या में ग्रामीण और आसपास के लोग वहां जमा हो गए।
रेस्क्यू में लगी पुलिस, सेना और एसडीआरएफ
पुलिस को सूचना मिलते ही नौगांव थाना प्रभारी दीपक यादव बड़ी संख्या में पुलिसबल के साथ मौके पर पहुंचे। एसडीएम विनय द्विवेदी, तहसीलदार सुनीता साहनी, एसडीओपी कमल कुमार जैन, कलेक्टर और एसपी भी मौके पर पहुंचे। जिला प्रशासन ने एसडीआरएफ और सेना की टीमों को ग्वालियर से बुलाया है। होमगार्ड, छतरपुर की टीम भी इनसे सथ रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी है।
सुनने में आई बच्ची की आवाज
थोड़ी देर पहले मिली जानकारी के मुताबिक बच्ची के रोने की आवाज सुनाई दे रही है। उसे पाइप के जरिए ऑक्सीजन पहुंचाई जा रही है। शाम को बच्ची ने अपनी मां से बात भी की थी। मां ने बोर के अंदर आवाज लगाई तो दिव्यांशी ने उसे अपने पास आने के लिए कहा।
गड्ढा खोदकर बनाया जा रहा टनल
बच्ची के रेस्क्यू के लिए बोरवेल के पास जेसीबी से खुदाई की जा रही है। करीब 20 फीट गड्ढा खोदकर उसके अंदर टनल बनाकर बच्ची तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है। प्रशासनिक अधिकारियों के सथ ग्रामीणों की भीड़ घटनास्थल पर मौजूद है। प्रशासन का दावा है कि बच्ची को सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा।
मां से हुई बात
बच्ची की मां रामसखी ने बताया कि बेटी खेत में बनी झोपड़ी के पास खेल रही थी। थोड़ी देर बाद वह नजर नहीं। बोरवेल के पास पहुंची तो उसके रोने की आवाज सुनाई दी। मैंने उसे आवाज दी तो उसने कहा- मम्मी आ जाओ। मैंने तुरंत आसपास मौजूद लोगों को यह बताया। सरपंच को फोन किया। फिर पुलिस को सूचना दी। थोड़ी देर पहले भी बेटी से बात की। मैंने नाम लेकर पुकारा तो उसने कहा- मम्मी आ जाओ।
हाइलाइट्स
- नौ घंटों से जारी है बोरवेल में गिरी बच्ची को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन
- गुरुवार दोपहर साढ़े तीन बजे बोरवेल में गिरी थी मासूम
- बचाने के काम में लगी पुलिस, एसडीआरएफ और सेना
- कैमरे से रखी जा रही बच्ची पर नजर, पाइप से ऑक्सीजन पहुंचाया जा रहा
मध्य प्रदेश में छतरपुर जिले के दौनी गंव में एक साल एक महीने की बच्ची आठ घंटों से से सूखे बोरवेल में फंसी हुई है। पुलिस के साथ एसडीआरएफ और सेना की टीमें बच्ची को निकालने के लिए रेस्क्यू में लगी हैं, लेकिन अब तक कामयाबी नहीं मिली है। इसके लिए बोरवेल के बगल में एक और गड्ढा खोदा गया है। अंदर कैमरा डालकर बच्ची पर नजर रखी जा रही है। प्रशासन का दावा है कि बच्ची को जल्द ही सुरक्षित बचा लिया जाएगा।
दौनी गांव नौगांव थाना क्षेत्र के अंतर्गत लुगासी चौकी के पास स्थित है। एक साल एक महीने की दिव्यांशी अपनी मां के सथ खेत में खेल रही थी। खेलते-खेलते वह सूखे बोरवेल में जा गिरी। बोरवेल आठ दिन पहले ही खोदा गया और उसमें पानी नहीं है। इसकी गहराई करीब 80 फीट बताई जा रही है, लेकिन बच्ची करीब 15 फीट नीचे फंसी हुई है।
खेत में बनी झोपड़ी के पास खेल रही थी बच्ची
जानकारी के अनुसार राजेश कुशवाहा का एक मकान खेत में बना हुआ है। गुरुवार दोपहर करीब सााढ़े तीन बजे उसकी पत्नी रामसखी कुशवाहा अपनी तीनों बेटियों के साथ खेत में मौजूद थी। खेलते-खेलते दिव्यांशी कुछ दूर निकल गई और खेत मे ही बने बोरवेल में जा गिरी। थोड़ी देर बाद उसकी बहनों ने ढूंढना शुरू किया तो दिव्यांशी कहीं नहीं दिखी। उन्होंने आवाज दी तो बोरवेल से रोने की आवाज आई। उन्होंने अपनी मां को इस बारे में बताया। इसके बाद तो यह खबर आग की तरह फैल गई। बड़ी संख्या में ग्रामीण और आसपास के लोग वहां जमा हो गए।
रेस्क्यू में लगी पुलिस, सेना और एसडीआरएफ
पुलिस को सूचना मिलते ही नौगांव थाना प्रभारी दीपक यादव बड़ी संख्या में पुलिसबल के साथ मौके पर पहुंचे। एसडीएम विनय द्विवेदी, तहसीलदार सुनीता साहनी, एसडीओपी कमल कुमार जैन, कलेक्टर और एसपी भी मौके पर पहुंचे। जिला प्रशासन ने एसडीआरएफ और सेना की टीमों को ग्वालियर से बुलाया है। होमगार्ड, छतरपुर की टीम भी इनसे सथ रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी है।
सुनने में आई बच्ची की आवाज
थोड़ी देर पहले मिली जानकारी के मुताबिक बच्ची के रोने की आवाज सुनाई दे रही है। उसे पाइप के जरिए ऑक्सीजन पहुंचाई जा रही है। शाम को बच्ची ने अपनी मां से बात भी की थी। मां ने बोर के अंदर आवाज लगाई तो दिव्यांशी ने उसे अपने पास आने के लिए कहा।
गड्ढा खोदकर बनाया जा रहा टनल
बच्ची के रेस्क्यू के लिए बोरवेल के पास जेसीबी से खुदाई की जा रही है। करीब 20 फीट गड्ढा खोदकर उसके अंदर टनल बनाकर बच्ची तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है। प्रशासनिक अधिकारियों के सथ ग्रामीणों की भीड़ घटनास्थल पर मौजूद है। प्रशासन का दावा है कि बच्ची को सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा।
मां से हुई बात
बच्ची की मां रामसखी ने बताया कि बेटी खेत में बनी झोपड़ी के पास खेल रही थी। थोड़ी देर बाद वह नजर नहीं। बोरवेल के पास पहुंची तो उसके रोने की आवाज सुनाई दी। मैंने उसे आवाज दी तो उसने कहा- मम्मी आ जाओ। मैंने तुरंत आसपास मौजूद लोगों को यह बताया। सरपंच को फोन किया। फिर पुलिस को सूचना दी। थोड़ी देर पहले भी बेटी से बात की। मैंने नाम लेकर पुकारा तो उसने कहा- मम्मी आ जाओ।