अब लड़की को छम्मकछल्लो कहना पड़ेगा भारी !

671
अब लड़की को छम्मकछल्लो कहना पड़ेगा भारी!
अब लड़की को छम्मकछल्लो कहना पड़ेगा भारी!

देश-प्रदेश में महिला सशक्तिकरण पर जोर दिया जा रहा है, ऐसे में महिलाओं को मजबूत स्थिति में पहुंचाने के हर हथकंडे अपनाएं जा रहे है, लकिन इसके बावजूद महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराध थमने के नाम ही नहीं ले रहे है। महिलाओं पर व्यंग्य और उन्हें राह चहते छेड़ने वाले मनचलों पर लगाम लगाने की कोशिश की गई है। इसी कोशिश में एक कड़ी और जुड़ गया है, अगर आपने किसी महिला या लड़की को छम्मकछल्लों कहा तो आप कानूनी विवाद में फंस सकते है। जी हाँ, अब किसी को छम्मकछ्ल्लों कहने से बचे, क्योंकि कोर्ट ने इस शब्द को महिलाओं का अपमान बताया है।

छम्मकछल्लो शब्द को चलन यूं तो पहले सी था, लेकिन बॉलीवुड बादशाह शाहरुख खान की फिल्म ‘रॉ-वन’ का एक गाना है, जिसमें ‘छम्मकछल्लो’ शब्द का इस्तेमाल किया गया है, जिसकी वजह से शाहरुख का गाना तो हिट हो गया, लेकिन असल जिंदगी में इस शब्द का इस्तेमाल करना आपको कानूनी परेशानी में फंसा सकता है।

कोर्ट ने क्या कहा…

आपको बता दें कि मुबंई के ठाणे की एक कोर्ट ने कहा है कि छम्मकछल्लो शब्द का इस्तेमाल करना ‘एक महिला का अपमान करने’ के बराबर है। साथ ही आपको यह भी बता दें कि एक मजिस्ट्रेट ने पिछले सप्ताह शहर के एक निवासी को साधारण कैद की सजा सुनाई थी और उस पर एक रुपए का जुर्माना लगाया था, इतना ही नहीं आरोपी के एक पड़ोसी ने उसे अदालत में घसीटा था।


क्या था पूरा मामला…

खबर के मुताबिक, मामला थोड़ा पुराना है। आपको बता दें कि एक महिला की शिकायत के अनुसार, नौ जनवरी 2009 को जब वह अपने पति के साथ घूमकर आ रही थी, तब उसे एक कूड़ेदान से ठोकर लग गई। साथ ही महिला ने कहा कि यह कूड़ेदान आरोपी ने सीढ़ियों पर रखा था, कूड़ा गिरने की वजह से आरोपी इस दंपति पर चिल्लाने लगा और उन्हें कई चीजें कहने के बीच उसने महिला को ‘‘छम्मकछल्लो’’ कहकर पुकारा। जिसकी वजह से महिला ने पुलिस से संपर्क किया, लेकिन पुलिस ने शिकायत दर्ज करने से इंकार कर दिया। जिसके बाद महिला ने अदालत का रुख किया, और आठ साल बाद उसे इंसाफ मिला। कोर्ट ने मामले को उचित ठहराते हुए कि आरोपी को भारतीय दंड संहिता की धारा 509 (शब्द, इशारे या किसी गतिविधि से महिला का अपमान) के तहत अपराधी घोषित करने के साथ ही उसे सजा भी सुनाया।

कोर्ट ने क्या आदेश दिये….

आपको बता दें कि मामलें में कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि छम्मकछल्लो एक हिंदी शब्द है, जिसकी अंग्रेजी नहीं है. साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि भारतीय समाज में इस शब्द का अर्थ इसके इस्तेमाल से समझा जाता है। साथ ही कोर्ट ने अपने फैसलें पर बरकार रहते हुए कहा कि यह शब्द किसी महिला के लिए अपमान का शब्द है, इसीलिए इसका प्रयोग करने से लोग बचे।