इन राज्यों में संक्रमित हो रहे बच्चे, फिर भी एमपी में खुले 100 फीसदी क्षमता से स्कूल

339
इन राज्यों में संक्रमित हो रहे बच्चे, फिर भी एमपी में खुले 100 फीसदी क्षमता से स्कूल

इन राज्यों में संक्रमित हो रहे बच्चे, फिर भी एमपी में खुले 100 फीसदी क्षमता से स्कूल

भोपाल. स्कूलों को पूरी क्षमता के साथ खोले जाने के चंद सप्ताह के अंदर कई राज्यों में विपरीत परिणाम सामने आने लगे हैं। तेलंगाना में एक निजी स्कूल में एक साथ दो सौ से अधिक विद्यार्थी संक्रमित हो गए, तो राजस्थान में भी एक स्कूल में कई विद्यार्थी संक्रमण का शिकार हो गए। प्रदेश में भी 100 फीसदी क्षमता से स्कूल केवल खुल चुके हैं। वहीं अभिभावकों को बच्चों की चिंता सताने लगी है, क्योंकि यहां भी हर स्तर पर लापरवाही बरती जा रही है। निजी हों या सरकारी स्कूल, कहीं भी बच्चों की संक्रमण से सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं। पत्रिका ने स्कूलों में बरती जा रही लापरवाही पर नजर डाली तो ऐसी स्थिति सामने आई जो कभी भी खतरनाक हो सकती है। स्कूलों में बच्चे क्लास में पूरी क्षमता से बैठ रहे हैं। एक ही क्लास में 40 से 60 तक बच्चे हैं, सोशल डिस्टेंसिंग, सैनिटाइजर, मास्क का ध्यान नहीं रखा जा रहा।

स्कूलों में 100 फीसदी उपस्थिति से के कक्षाएं लगने की अनुमति मिलने और ऑनलाइन कक्षाओं को लेकर स्पष्ट निर्देश नहीं होने के बीच कई – स्कूलों ने ऑनलाइन कक्षाएं पूरी तरह बंद कर दी। कार्मल कॉन्वेंट स्कूल में केवल ऑफलाइन कक्षाएं चलाए जाने के विरोध में गुरुवार को बच्चों के अभिभावक स्कूल पहुंचे और ऑनलाइन कक्षाओं का विकल्प जारी रखने की मांग की।

पालकों की सहमति का नियम

एक ओर सरकार ने बच्चों को केवल पालकों की सहमति से स्कूल आने की व्यवस्था बनाई है वहीं, दूसरी ओर स्कूलों को ऑनलाइन कक्षा बंद करने के अधिकार दे दिए।

ऐसे में यदि कोई अभिभावक सरकार द्वारा दिए गए अधिकार का उपयोग कर बच्चे को स्कूल न भेजने का विकल्प अपनाएं तो उस बच्चे की पढ़ाई की क्या व्यवस्था होगी? उससे फीस किस तरह ली जाएगी? अभिभावकों के मन में चल रहे इन सवालों को मंच देते हुए पालक महासंघ ने गुरुवार को मुख्यमंत्री, स्कूल शिक्षा मंत्री और प्रमुख सचिव, स्कूल शिक्षा विभाग को ज्ञापन भेजा। महासंघ के अध्यक्ष कमल विश्वकर्मा ने बताया कि, प्रदेश में कोरोना महामारी समाप्ति की अधिसूचना जारी नहीं की गई है जबकि उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार, ट्यूशन फीस वसूली का यह आदेश महामारी के रहने तक जारी रहेगा। स्कूलों में शिक्षण के अतिरिक्त कोई अन्य गतिविधियां भी संचालित नहीं हो रही।

स्कूलों को खोलने के साथ ही अब कक्षाएं लगना शुरू हो गई हैं। पूरी क्षमता के साथ विद्यार्थियों को बैठाने की अनुमति मिल गई है, लेकिन गाइडलाइन का पालन नहीं हो रहा है तो इसकी जांच करवाई जाएगी। स्कूलों की जिम्मेदारी है वे सैनिटाइजेशन, सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखें।
-नितिन सक्सेना, जिला शिक्षा अधिकारी