चीन से निकला घातक कोरोना वायरस का कहर थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। यह वायरस दुनियाभर में अपना संक्रमण फैलता जा रहा है। काफी कम समय में इसने करोड़ो लोगो को अपने संक्रमण का शिकार बना लिया। इस वायरस से बचने के लिए कई देशों में लॉक डाउन को लागू किया गया फिर भी इसके प्रकोप को पूरी तरह खत्म करने में असक्षम रहे , अभी तक इस वायरस के खिलाफ न कोई पुख्ता वैक्सीन मौजूद है और न ही दवा। देशभर में कोरोना संक्रमण का मामले २० लाख के पार जा चुके है। कोरोना के कारण अगर सबसे ज्यादा जो सेक्टर प्रभावित हुई है तो वो है एजुकेशन सेक्टर ज़हाँ कोरोना के कारण बड़े स्तर पर ऑनलाइन क्लासेस का चलन चल पड़ा है।
यह भी पढ़े: किस कारण से राजस्थान के बाड़मेर जिले में स्थित है किराडू मंदिर प्रख्यात है?
वही कोरोना के कारण टूशन और कोचिंग सेंटर चलने वाले इंस्टिट्यूट को भड़ी मात्रा में नुकसान झेलना पड़ रहा है। दिल्ली , कोटा कोचिंग संस्थानों का हब माना जाता है। कोचिंग संस्थानों को हर महीने क़रीब एक लाख रुपए की आमदनी होती थी। लेकिन कोरोना काल के कारण कोचिंग संस्थान बंद चल रहे हैं और बहुत से लोग बेरोजगारी की मार झेल रहे है।
वहीं, कोचिंग संचालकों के मुताबिक सरकारी विद्यालय, महाविद्यालय और विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओ के लिए ऑनलाइन व्यवस्था सभी वर्ग के छात्रों के लिए संभव नहीं हैं। ऑनलाइन कक्षा कराने पर गरीबी बच्चों को काफी मुश्किलों का समाना करना पड़ रहा है। यह उनकी पढ़ाई को काफी हद तक प्रभावित कर रहा है। अगर जल्द ही सरकार ने इस सन्दर्भ में कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो इस कोचिंग सेंटर में काम करने वाले टीचर्स से लेकर बाकि स्टाफ तक सबके लिए मुश्किल का सबब और पैदा हो जाएगा।