क्या मोटे लोगों के लिए जानलेवा सिद्ध हो रहा है कोरोना वायरस?

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कोरोना वायरस की तबाही से पूरी दुनिया दहल उठी है. कोरोना वायरस से बचने के लिए हेल्थ एक्सपर्ट लोगों को 14 दिन आइसोलेशन में रहने की सलाह दे रहे हैं. वहीं, एक नए शोध में पता चला है कि मोटापे से ग्रस्त लोगों को आइसोलेशन में इतने दिन रखना काफी नहीं है।

कोरोना वायरस का कहर दुनियाभर में आतंक के तरह फैलता जा रहा है। इस कहर को कम करने के लिए पूरे देशभर में लॉकडाउन के निर्देश जारी है। देश में बड़े स्तर पर कोरोना की टेस्टिंग जारी है। कोरोना के सन्दर्भ में शोध भी जोरों पर है ,हालही में एक शोध सामने आया है जिसके मुताबिक मोटापे से ग्रस्त लोगों को आइसोलेशन कि अवधि बढ़ाने की आवश्कता है।

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इटली में शोधकर्ताओं के अनुसार मोटापे से पीड़ित लोगों को जहां 14 दिनों के लिए क्वारनटीन में रखा जा रहा था। वही अब 28 दिन यानी दोगुने वक्त के लिए क्वारनटीन रहने की सलाह दी गई है। इनफ्लूएंजा इंफेक्शन पर हुए एक शोध की तर्ज पर वैज्ञानिकों ने ऐसी राय व्यक्त की है। साथ ही एक और शोध सामने आया है जिसके अनुसार जो लोग मोटापे के शिकार थे और जिनका बॉडी-मास इंडेक्स 30 से ऊपर था, उनमें 33 फ़ीसदी मृत्यु दर ज़्यादा है।

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जितना ज्यादा मोटापा होगा उतना कोरोना का परिणाम अधिक हो सकता है। शरीर में ज्यादा चर्बी होने से उतने ही कम आप फिट होंगे। इससे फेफडों की क्षमता पर असर पड़ता है। इससे आपके रक्त तक ऑक्सिजन पहुँचने में काफी दिक्क़त होती है और फिर इससे रक्त के प्रवाह और दिल पर असर पड़ता है। कोरोना जैसे संक्रमण के दौरान यह ख़तरनाक हो सकता है। मोटापा इम्यून सिस्टम पर भी काफी असर डालता है और कोरोना जैसे घातक वायरस से लड़ने के लिए इम्यून सिस्टम स्ट्रांग होना काफी जरुरी है।

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