एक बार फिर भारत के भगोड़े कारोबारी विजय माल्या सुर्खियों में है। भारी कर्ज में डूबे विजय माल्या के खिलाफ एक और कड़ा कदम उठाया गया है। विजय माल्या ने बैंको से भारी मात्रा में कर्ज लिया है। और अभी तक उस कर्ज को नहीं चुकाया। इसी मसले पर कड़ा रुख अपनाते हुए लंदन की हाई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा है कि विजय माल्या के जहाज को बेच कर कतर नेशनल बैंक का कर्ज चुकाया जाए। विजय माल्या का बेटा सिद्धार्थ माल्या कानूनी रूप से इस आलीशान जहाज का मालिक है। इस लग्जरी जहाज का नाम द फोर्स है।
कोर्ट की तरफ से यह आदेश आया है कि विजय माल्या के जहाज को बेचा जाए ताकि जहाज को बेचने से मिली राशि से कतर नेशनल बैंक का 60 लाख यूरो का कर्ज चुकाया जा सके. लंदन में सोमवार को जस्टिस निगेल टीयरे के आदेश में कहा गया, ‘कर्ज के लिए दी गई जमानत में माल्या द्वारा दी गई व्यक्तिगत गारंटी भी शामिल है, जो कि कर्ज लेनदार के साथ नजदीकी से जुड़ा है.’
विजय माल्या कतर नेशनल बैंक से लिए गए लोन का गारंटर था। बैंक के नियमों के मुताबिक ये लोन 2015 तक चुकाया जाना था। लेकिन लोन को नहीं चुकाया गया। इसी के सन्दर्भ में एक्शन लेते हुए जहाज को जनवरी 2018 जब्त कर लिया गया। साउथहैंपटन बंदरगाह पर जहाज निगरानी में रखी गई।
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कोर्ट द्वारा नियुक्त एडमिरल मार्शल पॉल फॉरेन बकाये की वसूली के लिए पोत का मूल्यांकन करेंगे और फिर बिक्री प्रक्रिया शुरू करेंगे। जब इस मामले पर सुनावाई हुई तो विजय माल्या कोर्ट में मौजूद नहीं थे। लंदन हाई कोर्ट में अगली सुनवाई 11 फरवरी को होगी।