लड़कियों ही नही लड़कों के यौन शोषण पर भी मिलेगी सज़ा-ए-मौत

551

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा 12 साल की उम्र तक की लड़कियों से बलात्कार करने वाले दोषियों को मौत की सज़ा  देने वाले अध्यादेश को मंजूरी मिलने के बाद सरकार इस दिशा एक और कड़ा क़दम उठाने की तैयारी कर रही है. महिला एवं बाल विकास मंत्रालय 12 साल से कम उम्र के लड़कों के लिए पोक्सो कानून में संशोधन करने की तैयारी कर रहा है. मंत्रालय का कहना है  कि हम पीड़ित बच्चों को ब्न्याय दिलाने के लिए हर ज़रूरी क़दम उठाने की कोशिश कर रहे हैं.

गुरुवार को मघिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से सूचित किया और कहा, ‘सरकार हमेशा लैंगिक निष्पक्ष कानून बनाने के लिए प्रयासरत रहती है. सरकार ने यौन शोषण के शिकार लड़कों को न्याय दिलाने के लिए पोक्सो कानून में संशोधन का प्रस्ताव दिया है.’

गौरतलब है कि हाल ही में फिल्म निर्माता इंसिया दरीवाल ने चेंज डॉट ओआरजी पर एक याचिका डाली थी जिसमे कहा गया है कि भारत में लड़कों के यौन शोषण की सच्चाई को नज़रअंदाज किया जाता है. दरीवाल की इस याचिका का महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने भी समर्थन किया है.

pocso act 1 news4social -

उन्होंने याचिका के जवाब में कहा कि यौन शोषण के शिकार बालकों पर अध्ययन कराया जाएगा जो अपनी तरह का पहला होगा. मेनका ने कहा, ‘बाल यौन शोषण का सबसे अधिक नज़रअंदाज किए जाने वाला वर्ग पीड़ित लड़कों का है. बाल यौन शोषण में लैंगिक आधार पर कोई भेद नहीं है. बचपन में यौन शोषण का शिकार होने वाले लड़के जीवन भर गुमसुम रहते हैं क्योंकि इसके पीछे कई भ्रांतियां और शर्म है. यह गंभीर समस्या है और इससे निपटने की ज़रुरत है.’

मेनका गाँधी ने कहा कि उन्होंने याचिका के दायर होने के कुछ समय बाद ही बाद सितंबर 2017 में राष्ट्रीय बाल संरक्षण अधिकार आयोग (एनसीपीसीआर) को पीड़ित लड़कों के मुद्दे पर विचार करने के निर्देश दे दिए थे. पिछले साल नवंबर में एनसीपीसीआर ने इस संबंध में कांफ्रेंस की थी.

मेनका गांधी ने जानकारी दी कि, ‘कांफ्रेंस से उठी सिफारिशों के अनुसार, सर्वसम्मति से यह फैसला किया गया है कि बाल यौन शोषण के पीड़ितों के लिए मौजूदा योजना में संशोधन होना चाहिए ताकि कुकर्म या यौन शोषण का सामना करने वाले लड़कों को भी मुआवज़ा मिल सके.’