वस्तु एवं सेवा कर लागू होने के बाद उर्वरक सस्ते हो गए है । ऐसे में सरकार ने सोमवार को कुछ शर्तों के साथ उर्वरक कंपनियों को पुराने दाम के साथ संशोधित अधिकतम खुदरा मूल्य प्रकाशित करने की मंजूरी दे दी है।
पिछले सप्ताह किसानो के हित में उर्वरको पर जीएसटी 12 प्रतिशत से कम कर पांच प्रतिशत कर दिया गया है। जीएसटी कम होने से खुदरा मूल्य कम होगा । कंपनियों के पास करीब 10 लाख टन मौजूदा भंडार है । कंपनियों को नए खुदरा मूल्य लिखकर बचे हुए भंडार को निकालने के लिए सितंबर तक का समय दिया गया है । उर्वरक मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उपभोक्ता मामलो के मंत्रालय ने उर्वरक कंपनियों को बचे हुए भंडार पर मामला-दर-मामला आधार पर संशोधित एमआरपी मोहर या स्टिकर या ऑनलाइन छपाई के जरिये घोषित करने को कहा है। कंपनियों के लिए जो शर्तें रखी है, उसमे उनसे मौजूदा एमआरपी के ऊपर संशोधित कीमत लिखने से मना किया जाना शामिल है।
रसोई गैस होगी महंगी
जीएसटी में घऱेलू एलपीजी को पांच फीसदी की श्रेणी रखा गया है। जीएसटी लागू होने से पहले अधिकतर राज्य एलपीजी पर कर नहीं लगाते थे। अब इसकी कीमत 12 से 15 रूपये बढ़ जाएगी ।
मूल्य वृद्धि पर निगाहें रखे
जीएसटी के क्रियान्वयन के तीसरे दिन सोमवार को कैबिनेट सचिव पी.के. सिन्हा ने स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने सभी मंत्रालयों-विभागों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि वस्तुओं की कमी न हो और आवश्यक वस्तुओं के दाम नियंत्रण में रहे । विभाग भी यह सुनिश्चित करे कि डीलर-दुकानदार मूल्य सूचि प्रदर्शित करे ।