रक्षा मंत्रालय की कमान नारीशक्ति को मिली!

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रक्षा मंत्रालय की कमान नारीशक्ति को मिली!
रक्षा मंत्रालय की कमान नारीशक्ति को मिली!

मोदी मंत्रिमंडल में फेरबदल की खबर से ही सबकी नजर देश के रक्षा मंत्रालय पर ही थी। हर कोई यही जानना चाहता था कि देश का रक्षामंत्रालय मोदी के किस मंत्री को दिया जाएगा। रविवार को मंत्रिमंडल में फेरबदल के बाद इन तमाम कयासों पर ब्रेक लग गया। जी हाँ, देश का रक्षामंत्रालय अब नारीशक्ति के हाथों में है।

आपको बता दें कि मोदी सरकार के तीसरे मंत्रिमंडल विस्‍तार की सबसे बड़ी खबर रही देश के नए रक्षामंत्री का ऐलान होना, जी ही, जिसका जिम्मा निर्मला सीतारमण को सौंपा गया है। इसके साथ ही निर्मला देश की पहली पूर्णकालिक महिला रक्षामंत्री बनी। आपको बता दें कि निर्मला से पहले इंदिरा गांधी भी रक्षामंत्री की जिम्‍मेदारी संभाल चुकी हैं, लेकिन उनके पास प्रधानमंत्री का पद भी था। आपको यह भी बता दें कि इसके साथ ही पहली बार सुरक्षा से जुड़ी कैबिनेट कमिटी में दो महिलाएं (सुषमा स्‍वराज और निर्मला सीतारमण) शामिल हुई।


जानियें, कौन है निर्मला…

आपको बता दें कि निर्मला का जन्‍म तमिलनाडु में हुआ और शादी आंध्रप्रदेश में हुई। सन् 1980 में निर्मला ने जेएनयू से एमए किया और बाद में ‘गेट फ्रेमवर्क के अंदर भारत-यूरोप टेक्‍सटाइल व्‍यापार’ पर पीएचडी की। साथ ही निर्मला ने लंदन में प्राइसवाटरहाउसकूपर्स रिसर्च में काम किया। इसके अलावा 2006 में राष्‍ट्रीय महिला आयोग में कार्यकाल खत्‍म होने के बाद वे बीजेपी से जुड़ गईं। सोलहवीं लोकसभा चुनावों से पहले उन्‍हें प्रवक्‍ता बना दिया गया। आपको हैरानी होगी कि हिंदी ना जानने के बावजूद भी निर्मला ने अपनी बोलने की शैली से अपनी छाप छोड़ी, इतना ही नहीं इस दौरान वे टीवी पर बीजेपी के बड़े चेहरो में से एक थीं। चुनाव जीतने के बाद मई 2014 मोदी सरकार बनने पर निर्मला को वाणिज्‍य राज्‍य मंत्री बनाया गया।

जानियें, निर्मला की सफलताएं…

आपको बता दें कि वाणिज्‍य मंत्री रहते हुए सीतारमण ने कई देशों के साथ व्‍यापारिक समझौतों को भारत के हित में लागू कराने में कामयाबी पाई, जिसकी वजह से पीएम मोदी की महत्‍वाकांक्षी स्‍टार्ट अप योजना को मदद मिली। इतना ही नहीं, जीएसटी को लागू कराने में भी उनका अहम रोल था। आपको बता दें कि अब रक्षा मंत्री के बनने के बाद निर्मला सीतारमण को खुद को नए सिरे से साबित करना होगा। हालांकि उनके कामों पर अगर नजर डाला जाएं तो रक्षा मंत्रालय की कमान को संभालने में वो सफल रहेंगी। हालांकि, यह तो खैर वक्त ही बताएगा।