सवाल 37- हॉलीवुड और बॉलीवुड की फिल्म निर्माण की प्रक्रिया में क्या अंतर है?

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हॉलीवुड और बॉलीवुड की फिल्म निर्माण की प्रक्रिया में क्या अंतर है?

जब भी लोगों को बॉलीवुड में अगर कुछ अच्छा देखने को मिल जाता है, तो लोग उसकी तुलना हॉलीवुड से करने लग जाते है. बता दें कि बॉलीवुड की कई ऐसी फिल्में है जिनकी तुलना हॉलीवुड से कि गई है, साथ ही ऐसा कहा जाता है कि जब बॉलीवुड फिल्मों के अन्य विभागों की तारीफ करने के लिये हम उसकी तुलना हॉलीवुड से करते है. आखिर हॉलीवुड फिल्मो में ऐसा क्या है कि बॉलीवुड फिल्मे हमेशा इससे पीछे रह जाती है फ़िल्म की संकल्पना, लेखन, निर्देशन वीएफक्स जैसे विभाग में बॉलीवुड फिल्मे हॉलीवुड के सामने कही भी नहीं ठहरती है आज हम ऐसे ही कुछ चीजो की चर्चा करेंगे जिनके कारण बॉलीवुड फिल्मे कभी भी हॉलीवुड का मुकाबला नही कर पाती है.

हॉलीवुड की फिल्मो में स्क्रिप्ट बहुत ही महत्वपूर्ण होती है स्क्रिप्ट में क्या लिखा गया है क्यों लिखा गया है और किसके लिए लिखा गया है इस पर निर्माता, निर्देशक और अभिनेता बहुत ध्यान देते है हॉलीवुड में स्क्रिप्ट के हिसाब से एक्टर्स को चुना जाता है. इसलिए वहां पर कई फिल्मों में बड़े स्टार भी छोटी भूमिकाओ में दिख जाते है


अगर वहीं बात करे बॉलीवुड की तो इसमें एक्टर्स के हिसाब से स्क्रिप्ट लिखी जाती है. यहां पर कोई भी स्टार अपने रोल की लंबाई देखकर ही फ़िल्म के लिए हामी भरता है. कभी कभी तो कोई भी बड़ा स्टार किसी भी छोटे रोल में दिख जाता है.

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हॉलीवुड फिल्म में रोल के लिए ऑडिशन देना होता है हॉलीवुड में चाहे कोई भी कितना बड़ा स्टार क्यों न हो उसे रोल के लिए ऑडिशन देना ही पड़ता है और ऑडिशन को पास भी करना होता है. कभी कभी ये ऑडिशन दो तीन राउंड के बाद क्लियर होते है वहां के स्टार को यह पता रहता है कि जिसके लिए ऑडिशन हो रहे है वह कितना महत्वपूर्ण रोल है हॉलीवुड स्टार्स में हमेशा एक अच्छे रोल करने की ललक होती है जिसे वो ऑडीशन देकर भी पाना चाहते है.


फ़िल्म X-Man के लिए ह्युक जैकमैन ने ऑडिशन दिया था जबकि वह उस समय सुपर स्टार थे इसी तरह फ़िल्म ट्रॉय के लिए ब्रैड पिट ने ऑडिशन दिया था जो दो तीन राउंड तक चला था वही जेसिका अल्बा को भी फ़िल्म गेट स्मार्ट के लिए ऑडिशन से गुजरना पड़ा था

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जहां तक बॉलीवुड की बात है तो फ़िल्म की कहानी ही स्टार को देखकर लिखी जाती है वहां पर किस निर्देशक की सुपर स्टार का ऑडिशन लेने की हिम्मत होगी यहीं स्टारडम का नशा एक सुपरस्टार को अच्छी कहानियों से दूर रखता है. बॉलीवुड एक्टर्स में नेम ओर फेम की गर्मी कूट कूट कर भरी होती है वहीं हॉलीवुड स्टार पहली प्राथमिकता अपने काम को देते है बॉलीवुड में किसी अभिनेत्री ने जहां एक बार 40 की उम्र पर कर ली समझो उसका कैरियर खत्म ज्यादा से ज्यादा वो करैक्टर रोल करने लायक रह जाती है

हॉलीवुड में हमेशा लिखाई को महत्व दिया जाता है कहानी को दिखाने के लिए जितनी फ़िल्म की लंबाई होनी चाहिए उतनी ही रखी जाती है बेवजह फ़िल्म को खींचते नही है इसलिये वहां की फिल्मे सवा, डेढ़ ओर ज्यादा से ज्यादा 2 घंटे की होती है


वहीं बॉलीवुड फिल्मों में ग्लैमर दिखाना होता है चीजों को बढ़ा चढ़ा कर दिखाया जाता है. डिटेलिंग से भी फ़िल्म लंबी हो जाती है ये सब अच्छे लेखन की फिल्मो में नही होता है इनकी फिल्मो को ध्यान से देखने पर पता चलता है इसमें बहुत सारी चीजों की आवश्यकता ही नही थी. तो यह कुछ चीजे है जोकि बॉलिवुड और हॉलीवुड में काफी अंतर लाती है.

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आशा करते है कि आप सभी को इस प्रश्न का उत्तर मिल गया होगा. आप लोग ऐसे ही प्रश्न पूछते रहिए हम उन प्रश्नों के उत्तर आपको खोजकर देंगे. आप कमेंट बॉक्स में अपनी राय और कमेंट करके अपने प्रश्नों को पूछ सकते है. इस सवाल को पूछने के लिए आपका धन्यवाद