नई दिल्ली: आने वाले लोकसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे को लेकर बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) गठबंधन की चारों पार्टियों के बीच तकरार देखने को मिल रही है. विधानसभा चुनावों 2015 में बीजेपी से अधिक सीट जीतने वाली जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) सीट बंटवारे की मांग को लेकर अड़ गई है. जेडीयू ने विधानसभा चुनाव में भाजपा से कही ज्यादा अच्छा प्रदर्शन किया था. लेकिन बीजेपी ने यह फॉर्मूले को यह कहकर नकार दिया है कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस व राजद से गठबंधन करने के दौरान ही जेडीयू को ज्यादा सीट मिली पाई थी.
बीजेपी और उसकी दो सहयोगी पार्टियों लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के अध्यक्ष रामविलास पासवान तथा राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा की ओर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अगुवाई वाले जनता दल यूनाइटेड की मांग पर समहति न के बराबर ही दिख रही है. आपको बता दें कि एनडीए गठबंधन के सदस्यों के बीच सीटों के बंटवारे के लेकर अभी औपचारिक रूप से कोई बातचीत नहीं शुरू हुई है, लेकिन जेडीयू पहले से ही 25 सीटे मांगे को कहा रही है. इससे पहले एक खबर आई थी कि जिसमें जेडीयू ने बीजेपी को नसीहत दी कि वो 2019 के चुनाव को 2014 न समझने की भूल करें.
बीजेपी 2014 आम चुनाव की दे रही है दुहाई
आगामी चुनाव को लेकर जेडीयू ने जो सीट मांग को लेकर बात कहा रहे है उसको लेकर बीजेपी पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने इसे अवास्तविक और चुनाव से पहले हर पार्टी द्वारा अपनाया जाने वाले सामान्य राजनीतिक दांव पेंच है. भाजपा ने जेडीयू को लोकसभा 2014 के चुनाव को याद करने की नसीहत दी है, उस दौरान चुनाव में अकेली उतरी जेडीयू को 40 में से मात्र 2 लोकसभा सीटों पर ही जीत हासिल हुई थी. वहीं अन्य सीटों पर उनके उम्मीदवारों की जमानत भी जब्त हो गई थी. वहीं इन चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने 22 और उसके गठबंधन सहयोगियों में लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) ने 6 और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) ने 3 सीटों पर जीत साबित कर अपना परचम लहराया.
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बता दें कि साल 2013 तक दोनों पार्टियों जेडीयू और भाजपा एक साथ थी पर उस वक्त भी सीटों के बंटवारे को लेकर दोनों दलों में तनाव की स्थिति देखी गई थी. उस दौरान जेडीयू की स्थिति बिहार में बीजेपी पार्टी की तुलना में ज्यादा थी. इस कारण वर्ष 2014 के चुनावों में जेडीयू को 25, जबकि भाजपा को 15 सीट दिए जाने का फॉर्मूला तय था. लेकिन जेडीयू के साथ गठबंधन खत्म हो जाने के बाद बीजेपी द्वारा चुनावों में जीत हासिल करने से समीकरण बदल गया.