DRDO ने 2डीजी को लेकर जारी किया नया प्रोटोकॉल, कहा- डॉक्टरों की सलाह और देखरेख में ही लें दवा

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Zनई दिल्ली: एंटी कोविड मेडिसिन, 2डीजी को लेकर डीआरडीओ ने नया प्रोटोकॉल जारी किया है. डीआरडीओ ने कहा है कि 2डीजी दवा को डॉक्टरों की सलाह और देखरेख में ही लें. डीआरडीओ के मुताबिक, डायबिटीज, हार्ट से जुड़ी बीमारी इत्यादि वाले मरीजों पर इस दवाई की स्टडी नहीं हुई है. इसलिए इन बीमारियों से जुड़े मरीजों को बेहद सावधानी से 2डीजी देनी है. इसके अलावा गर्भवती और बच्चों को स्तनपान कराने वाली महिलाओं और 18 साल से कम उम्र वाले मरीजों को 2डीजी दवाई नहीं देनी है.

Zकब से होगी उपलब्ध

कोरोना महामारी के बीच डॉक्टर रेड्डीज़ लैब ने हाल ही में घोषणा की है कि एंटी-कोविड मेडिसन, 2डीजी का कॉमर्शियल-लॉन्च जून के महीने के मध्य से शुरू होने की संभावना है. लैब के मुताबिक, तब तक 2डीजी दवा का असल रेट भी सामने आ जाएग और देश के प्रमुख सरकारी और प्राईवेट हॉस्पिटल्स में ये दवा मिलनी शुरू हो जाएगी. आपको बता दें कि अभी तक ये दवा दिल्ली स्थित एम्स अस्पताल और डीआरडीओ के कोविड हॉस्पिट्ल्स में ही उपलब्ध है.

हैदाराबाद स्थित डॉक्टर रेड्डीज़ लैब ने हाल ही में एबीपी न्यूज के सवालों पर जवाब देते हुए अपना बयान दिया था और कंपनी की एक प्रेजेंटेशन-प्लेट भी साझा की थी. जिसपर साफ तौर से लिखा है कि जून महीने के मध्य से ये दवा सरकारी और प्राईवेट अस्पताल में मिलनी शुरू हो जाएगी. इसके अलावा कंपनी के मुताबिक, दवा का रेट भी तय किया जा रहा है, ताकि ज्यादा से ज्यादा मरीजों को ये आसानी से उपलब्ध हो सके.

आपको बता दें 8 मई को देश के प्रमुख रक्षा संस्थान, डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाईजेशन (डीआरडीओ) ने एंटी-कोविड मेडिसन, 2डीजी बनाने का दावा किया था. दिल्ली स्थित डीआरडीओ की इंस्टीट्यूट ऑफ न्युक्लिर मेडिसन एंड एलाइड साईंसेज़ (इनामस) लैब ने रेड्डीज़ लैब के साथ मिलकर ये 2-डियोक्सी-डी-ग्लूकोज़ यानि 2डीजी दवाई तैयार की है. डीआरडीओ के मुताबिक, ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने 2डीजी के इमरजेंसी इस्तेमाल की इजाजत दे दी है. इसके बाद 17 मई को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्द्धन ने इस दवा का पहला बैच एम्स और सेना द्वारा संचालित कोविड अस्पतालों के लिए रिलीज कर दिया था. पहले बैच में करीब 10 हजार सैशे जारी किए गए हैं. जून के महीने से हर हफ्ते, कंपनी करीब एक लाख सैशे तैयार करेगी.

ग्लूकोज़ के एनेलोग पहली ये 2डीजी दवा सैशे के रूप में सामने आई है और पानी मे घोलकर मरीज को पिलाई जाती है. डीआरडीओ का दावा है कि इस दवा के सेवन से मरीज को 40 प्रतिशत कम ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है और वो कोरोना से छुटकारा पा सकता है.

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