क्या पेट्रोल से मिल रहे मुनाफे को GST की बलि चढ़ा पाएगी सरकार?

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पेट्रोल के दामों में उतार- चढ़ाव होता रहता है. अभी तक देखा गया है कि पेट्रोल के दामों में जब भी वृद्धि होती है, तब राज्य सरकार अपने अनुसार पेट्रोल की कीमतों पर टैक्स लगा देती है. पिछ्ले तीन सालों में पेट्रोल की कीमत सबसे उच्चतम स्तर तक पहुँच गयी है. यही कारण है कि सरकार ने पेट्रोल को लेकर काफ़ी बदलाव जारी किये हैं.

पेट्रोल की बढ़ती कीमतों को लेकर लोगों को राहत नहीं मिल रही है. इसका मुख्य कारण है कच्चे तेल में बढोतरी. इंडियन आयल कारपोरेशन के मुताबिक़ पेट्रोल की कीमत जुलाई में 73.60 प्रति लीटर थी. इसके बाद भी छुटपुट वृद्धि होती रही है. तेल की बढ़ती कीमतों के कारण गुरूवार को पेट्रोल 17 पैसे महंगा हुआ था और आज 14 पैसे की और बढ़ोतरी हो गयी है  जिसके चलते पेट्रोल की कीमत 80.10 हो गयी है. वहीँ डीजल के दाम 67.10 हो गए हैं.

पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का कहना है कि पेट्रोल को जीएसटी के तहत लाने की संभावना है. साथ ही पेट्रोल के साथ-साथ डीजल और केरोसिन को भी जीएसटी में लाने की कोशिश है. इसके लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं. वहीँ कांग्रेस पार्टी इस नियम के खिलाफ है.

राज्यों की तरफ से वसूले जाने वाले वैट की वजह से भी कीमतें लगातार बढ़ती जा रही हैं. जीएसटी लगने की वजह से पेट्रोल और डीजल की कीमत 50 रूपए तक आ सकती है.  इसके साथ ही लोगों को पेट्रोल पर लगने वाले वैट से भी छुटकारा मिल सकता है. जीएसटी के तहत इस पर परिषद ज्यादा से ज्यादा 28 फीसदी जीएसटी लगाने की सोच रही है, जिससे आम जनता को 10 से 15 रुपये प्रति लीटर की राहत मिल सकती है. इससे आम आदमी की राह काफी आसान हो जाएगी. परिषद की अगली बैठक में जीएसटी को लेकर फैसला हो सकता है .

कॉफ़ी से चल रहीं हैं बसें

लंदन में कॉफी से बसें चलाई जा रही हैं. बीबीसी की खबर के मुताबिक, लंदन परिवहन कॉफी से निकाले गए कचरे से निकलने वाले तेल से बसें चला रहा है. ये जानकारी खुद लंदन परिवहन के अधिकारियों ने दी है. कॉफी से जो तेल निकलता है उसे ब्लेंडिंग ऑयल कहते हैं. तेल को डीजल में मिलाकर बायोफ्यूल बनाया है. ये बायोफ्यूल लंदन की पब्लिक ट्रास्पोर्ट की बसों में इस्तेमाल हो रहा है. अगर ये एक्सपेरिमेंट सही रहा, तो बायोफ्यूल का इस्तेमाल हमारे देश में भी बायोफ्यूल आ जाएगा जिससे पेट्रोल ,डीजल की कीमतें सस्ती हो जायेंगी.GST -