गड़बड़ी रोकने को डुप्लीकेट व मृतक वोटरों का फिर होगा सत्यापन

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लोकसभा चुनाव के दौरान मतदाता सूचियों में किसी भी तरह की गड़बड़ी रोकने की कवायद में जुटा निर्वाचन आयोग अब अंतिम प्रकाशन से पहले सूची में दर्ज डूप्लीकेट व मृतक वोटरों का पुन: सत्यापन कराएगा। इसके लिए वर्तमान में संचालित पुनरीक्षण अभियान में दावे आपत्ति स्वीकार किए जाने की 22 दिसंबर को खत्म हुई मियाद बाद रेंडम आधार पर मतदाता सूचियों से हटाए गए डुप्लीकेट व मृतक वोटरों के फार्म का सत्यापन करेगा।

जांच में सत्यापन कार्य में किसी भी तरह की गड़बड़ी पाए जाने पर संबंधित क्षेत्र के बीएलओ संग सुपरवाइजर को इसका जिम्मेदार मान कार्रवाई के घेरे में लाया जाएगा। इसके बाद ही लोकसभा चुनाव को तैयार संशोधित मतदाता सूचियों का अंतिम प्रकाशन होगा। यह जानकारी उप जिला निर्वाचन अधिकारी व एडीएम प्रशासन एसपी गुप्ता ने दी।

Duplicate and dead voters will be verified again to prevent disturbance 1 news4social -

उन्होंने बताया कि इसका उद्देश्य किसी भी मतदाता का नाम एक से अधिक विधान सभा क्षेत्र की वोटर लिस्ट में दर्ज होने से रोकना है। आयोग स्तर से जारी दिशा निर्देश में कहा गया है कि एक सितंबर से संचालित चुनाव से पहले के अंतिम पुनरीक्षण अभियान में 22 दिसंबर को समाप्त हुई दावे आपत्ति दाखिल करने की मियाद बाद 15 जनवरी तक अभियान के दौरान प्राप्त सभी तरह के आवेदन पत्रों का सत्यापन कर इनकी फीडिंग आयोग के सॉफ्टवेयर में अपडेट कराए।

इसके बाद 30 जनवरी को प्रकाशित होने वाली पुनरीक्षित मतदाता सूचियों के अनंतिम प्रकाशन से पहले रेंडम आधार पर पुन: मतदाता सूचियों में से हटाए गए डूप्लीकेट, मृतक व शिफ्टेड वोटरों के नाम का सत्यापन विधानसभावार कराया जाए। इसका उद्देश्य सूची से नाम हटाने में हुए सत्यापन कार्य में किसी भी तरह की गड़बड़ी को अनंतिम प्रकाशन से पहले पकड़ कर दुरुस्त कराना है।

रेंडम जांच के दौरान आयोग स्तर पर तैयार विशेष साफ्टवेयर के माध्यम से चिह्नित मतदान केंद्रों के ऐसे दस दस वोटरों के सत्यापन कार्य की जमीनी हकीकत परखी जाएगी। अगर इसमें पुनरीक्षण के दौरान कागजी सत्यापन के आधार पर बिना फील्ड सर्वे के डूप्लीकेट, शिफ्टेड व मृतक वोटरों के नाम सूची से हटाया जाना पाया गया तो संबंधित सुपरवाइजर संग बीएलओ को कार्रवाई के घेरे में लाया जाएगा।

आयोग का साफ कहना है कि प्रस्तावित लोक सभा चुनाव में उपयोग आने वाली मतदाता सूचियों को शत प्रतिशत स्तर पर नाम पता आयु संग डुप्लीकेट वोटर विहीन बनाना सर्वोच्च प्राथमिकता पर है। इसमें किसी भी स्तर पर लापरवाही व शिथिलता बर्दाश्त नहीं होगी। पुनरीक्षण के दौरान वोटर जिस विधान सभा क्षेत्र में निवास करता मिला उसका नाम वहीं की वोटर लिस्ट में दर्ज कर दूसरी जगह की सूची में दर्ज नाम को हटाने का कार्य संबंधित बीएलओ की सत्यापन रिपोर्ट के आधार पर हुआ है।

आयोग स्तर से चेताया गया है कि अगर रेंडम सत्यापन में किसी वोटर का नाम एक से अधिक विधानसभा की वोटर लिस्ट में दर्ज मिला तो उस वोटर के सत्यापन कार्य से जुड़े बीएलओ संग सुपरवाइजर व पदाभिहीत अधिकारी को सीधे तौर पर सत्यापन में गड़बड़ी का दोषी मान कर निर्वाचन कार्य में शिथिलता बरतने का मामला दर्ज कर कार्रवाई होगी।

 अबकी बूथ पर मास्टर ट्रेनर देंगे ईवीएम का तकनीकी ज्ञान

भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश के क्रम में इस बार लोकसभा चुनाव से पूर्व मास्टर ट्रेनर प्रत्येक बूथ पर जाकर मतदाताओं को नई ईवीएम एम थ्री व वीवी पैट के तकनीकी पहलुओं की जानकारी देंगे। इसकी तैयारियां शुरू हो गई हैं।

राजधानी में 200 मास्टर ट्रेनर तैयार होंगे। मास्टर ट्रेनरों को दक्ष करने की जिम्मेदारी आयोग से ट्रेङ्क्षनग प्राप्त कर लौटे अफसरों को सौंपी गई है। आयोग के निर्देश के क्रम में लोकसभा चुनाव के दौरान सभी बूथों पर ईवीएम के साथ वीवी पैट मशीन लगाए जाने हैं। इस बाबत ईवीएम संग वीवी पैट भी जिले को मिल चुकी हैं।

आयोग से निर्धारित इंजीनियरों की टीम की अगुवाई में ईवीएम की एफएलसी यानी फस्र्ट लेवल चेोकग का कार्य पिछले एक सप्ताह से चल रहा है। वहीं मतदाता सूची पुनरीक्षण के बाद मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन की तैयारी भी है। हालांकि मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन 31 जनवरी को होना है। पुनरीक्षण के दौरान प्राप्त दावे आपत्तियों का निस्तारण तेजी से हो रहा है।