E Waste: किसी को पता नहीं कहां देना है, गाजियाबाद में ई-वेस्ट जलाकर जहरीली कर रहे हवा

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E Waste: किसी को पता नहीं कहां देना है, गाजियाबाद में ई-वेस्ट जलाकर जहरीली कर रहे हवा

गाजियाबाद
अकसर घरों में ई-वेस्ट इतना जमा हो जाता है कि या तो मजबूरी में उसे कबाड़ी वाले को देना पड़ता है या लोग उसे कूड़े वाले को दे देते हैं। कई बार इसे इधर-उधर डंप भी कर देते हैं। कुछ तो इसे जला भी देते हैं, बिना ये जाने कि ये पर्यावरण के लिए प्लास्टिक से भी ज्यादा खतरनाक है।

यूपीपीसीबी (उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड) ने पिछले साल नवंबर और दिसंबर में ई-वेस्ट कलेक्ट करने के लिए एक मोबाइल वैन शुरू की थी। इसमें कुल 171.05 किग्रा ई-वेस्ट एकत्रित किया गया था, लेकिन इसके बाद इसे बंद कर दिया गया।

26 जनवरी के बाद सुविधा
लोगों का कहना है कि प्रशासन को ऐसी सुविधा 2 महीने के लिए ही नहीं बल्कि हमेशा देनी चाहिए, ताकि ई-वेस्ट फेंक कर लोग पर्यावरण को दूषित न करें। उनके पास कोई ऑप्शन भी तो नहीं। वहीं, निगम अधिकारियों का कहना है कि 26 जनवरी के बाद इस तरह की सुविधा शुरू की जाएगी।

इन इलाकों में गई थी वैन
यूपीपीसीबी की तरफ से दो महीने के लिए मोबाइल वैन इंदिरापुरम, राजनगर, वसुंधरा, वैशाली, मोहननगर जैसे कई इलाकों में चलाई गई थी, जिसमें लोगों ने बढ़-चढ़कर ई-वेस्ट दिया। सबसे अधिक सीपीयू, एलईडी टीवी और सीआरटी टीवी लोगों ने जमा किए। इसके अलावा, पुराने मोबाइल, लैपटॉप, चार्जर, माइक्रोवेव, मॉनिटर, डीवीडी प्लेयर, मिक्सर, वायर, माउस आदि दिए थे।

अभी तक नहीं है कोई सुविधा
गाजियाबाद में जीडीए या नगर निगम दोनों की तरफ से ही ई-वेस्ट एकत्रित करने को लेकर किसी तरह की कोई पहल नहीं की गई है। इंदिरापुरम में कुछ निजी एनजीओ एक साथ ई-वेस्ट और प्लास्टिक के खिलाफ काम कर रहे हैं। शिप्रा सनसिटी में एक निजी एनजीओ के माध्यम से पर्यावरण के लिए काम करने वाली राजश्री श्रीधर कहती हैं कि उनकी एनजीओ महीने में एक बार ई-वेस्ट को कलेक्ट करने लगी है। इससे पहले केवल प्लास्टिक एकत्रित करती थी। क्योंकि ई-वेस्ट भी उतना ही हानिकारक है जितना प्लास्टिक।

कबाड़ी या आम कूड़े वाले को खराब मोबाइल या लैपटॉप देना आपके खाते में सेंध भी लगा सकता है। इसलिए ध्यान रखें कि पहले इनकी हार्ड डिस्क से अपना डेटा हटा दें। ई-वेस्ट में हानिकारक केमिकल और मेटल होता है, जो मानव स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह है। यह मिट्टी, जल और वायु को भी प्रदूषित या जहरीला बना देता है।

उत्सव शर्मा, आरओ यूपीपीसीबी

वसुंधरा में लगी हैं गाड़ियां, बाकी जगह भी जल्द लागू होगा प्लान
नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर ने बताया कि गाजियाबाद में प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए जल्द ही ई-वेस्ट एकत्रित करके रिसाइकल करने के लिए अलग योजना शुरू करने की प्लानिंग है। जनवरी के आखिरी हफ्ते में नोएडा की एक कंपनी के साथ ई-वेस्ट को लेकर काम शुरू होगा। इसे लेकर एक एमओयू भी जल्द साइन किया जाएगा।

कोशिश है कि 26 जनवरी के बाद इसे शुरू कर दिया जाए। इसके अलावा, वसुंधरा में अभी हाल फिलहाल ही में कूड़े को उठाने के लिए नई गड़ियां शुरू की गई हैं। उसमें भी अलग से ई-वेस्ट और अन्य हानिकारक वस्तुओं मसलन बल्ब इत्यादि के लिए काले रंग का डस्टबिन अलग से लगाया गया है।

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