Farmer’s Protest: आंदोलन के लिए समर्थन जुटाने गुजरात का रुख करेंगे Rakesh Tikait

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Farmer’s Protest: आंदोलन के लिए समर्थन जुटाने गुजरात का रुख करेंगे Rakesh Tikait

भारतीय किसान यूनियन (BKU) के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने दावा किया कि किसान आखिरकार अपनी कृषि उपज का कोई हिस्सा नहीं ले पाएंगे क्योंकि नए कानून (Farm Law) केवल कॉरपोरेट का पक्ष लेंगे. बीकेयू की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि ऐसी स्थिति नहीं आने दी जाएगी.

खास बातें

नई दिल्ली: किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने अपनी मुहिम को लेकर बड़ा ऐलान किया है. टिकैत ने रविवार को कहा कि वह केंद्र के विवादित कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन (Farmer’s Protest) के लिए समर्थन मांगने के लिए जल्द ही गुजरात (Gujrat) का दौरा करेंगे. टिकैत ने अपनी यह टिप्पणी दिल्ली-उत्तर प्रदेश की सीमा पर गाजीपुर में गुजरात और महाराष्ट्र के किसानों के एक समूह से मुलाकात के दौरान की. राकेश टिकैत गाजीपुर बॉर्डर (Gazipur Border) पर नवंबर से डेरा डाले हुए हैं.

नए कानून केवल कॉरपोरेट का पक्ष लेंगे: टिकैत 

भारतीय किसान यूनियन (BKU) के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने दावा किया कि किसान आखिरकार अपनी कृषि उपज का कोई हिस्सा नहीं ले पाएंगे क्योंकि नए कानून केवल कॉरपोरेट का पक्ष लेंगे. बीकेयू की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक,  ‘हम ऐसी स्थिति नहीं होने देंगे. हम सिर्फ इसे लेकर चिंतित हैं और हम यह नहीं होने देंगे कि इस देश की फसल को कॉरपोरेट नियंत्रित करें.’

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चरखे से भगाएंगे कॉर्पोरेट!

गुजरात के गांधीधाम (Gandhidham) से आए समूह ने टिकैत को ‘चरखा’ भेंट किया. उन्होंने कहा, ‘गांधीजी ने ब्रिटिश को भारत से भगाने के लिए चरखा का इस्तेमाल किया. अब हम इस चरखे का इस्तेमाल करके कॉरपोरेट को भगाएंगे. हम जल्द ही गुजरात जाएंगे और नए कानूनों को रद्द करने के लिए किसानों के प्रदर्शन के वास्ते समर्थन जुटाएंगे. इस बीच, हरियाणा के रोहतक जिले की 20 से अधिक महिलाएं गाज़ीपुर में आंदोलन में शामिल हुईं और आंदोलन को अपना समर्थन देने का आश्वासन दिया.

दिल्ली के सिंघू, टीकरी और गाज़ीपुर बॉर्डर पर हजारों किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. उनकी मांग है कि केंद्र सरकार नए कृषि कानूनों को रद्द करे तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) देने के लिए कानून बनाए.

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