नई दिल्ली: भारत की पहली इंजन रहित ट्रेन या ‘ट्रेन 18’ ने बीते दिन परीक्षण के दौरान 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से सफलतापूर्वक ट्रायल पूरा किया है. कोटा और सवाई माधोपुर के बीच के ट्रैक को ट्रायल के लिए चुना था.
यह ट्रेन पुरानी शताब्दी ट्रेनों की जगह लेगी
बता दें कि पहली बार भारतीय रेलवे ने इतनी स्पीड पर कोई ट्रेन चलाई है. आने वाले दिनों में इसके और भी ट्रायल किए जाएंगे. चेन्नई में इंटिग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) द्वारा 100 करोड़ रूपये की लागत से “ट्रेन 18” को तैयार किया गया है. बताया जा रहा है कि यह ट्रेन पुरानी शताब्दी ट्रेनों की जगह लेगी. इस ट्रेन में अलग से इंजन नहीं है, बल्कि कोच में ही इंजन के हिस्से लगे होंगे.
जानकारी के अनुसार, इस ट्रेन में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए है. इसके कोच में इस प्रकार की तैयारी की गई है कि किसी भी दुर्घटना की स्थिति में भी एक कोच दूसरे कोच में न घुसे. इसमें बेहतर फायर प्रोटेक्शन सिस्टम भी लगाए गए है. वातानुकूलित ट्रेन ‘सेल्फ प्रपल्शन मॉड्यूल’ से चलेगी. ट्रेन की पांच और इकाइयों का निर्माण साल 2019-20 के अंत तक आईसीएफ द्वारा की जाएगी.
200 की रफ्तार छुने में सक्षम
आईसीएफ के महाप्रबंधक एस. मणि ने कहा है भारतीय रेलवे प्रणाली के ट्रैक और सिग्नल अगर साथ दें तो यह ट्रेन 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार छुने में सक्षम है.
कई यात्रियों को ले जाने में सक्षम
ये ट्रेन 16 कोच की है, जो शताब्दी एक्सप्रेस जितनी यात्रियों को ले जाने में सक्षम होगी. यह 15 से 20 फीसदी उर्जा की बचत करेगी और कम कार्बन उत्सर्जित करेगी.