FATF की फरवरी में होने वाले सम्मेलन में पाक होगा ब्लैकलिस्ट?

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पाकिस्तान हमेशा से आतंकवादियों का पनाहगार रहा है। इसमें कोई शक की बात नहीं है इसलिए भारत हमेशा से आतंकी वित्तीय निगरानी कार्य बल (FATF) से पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट करने की मांग करता रहा है। भले ही पाकिस्तान पर वैश्विक दबाव हो लेकिन इस साल भी वह ब्लैकलिस्ट में जाने से बच जायेगा। आइये जानते हैं ऐसा क्यो-

आपको बता दें कि इस समय पाकिस्तान FATF की ग्रे लिस्ट में है। सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान को ‘ग्रे लिस्ट’ से ‘ब्लैक लिस्ट’ में ले जाने की संभावना ”कठिन” होगी।

सूत्रों ने कहा कि इस बार भी पाकिस्तान को चीन, तुर्की और मलेशिया का समर्थन मिलेगा। पाकिस्तान एफएटीएफ के सभी नियमों और विनियमों का पालन नहीं कर पाएगा।

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अक्टूबर में पेरिस स्थित FATF ने पाकिस्तान को अगली प्लेनरी फरवरी में सभी मापदंडों को पूरा करने के लिए कड़ी चेतावनी जारी की थी।

FATF के मानदंडों के अनुसार, इस्लामाबाद को आतंकवाद विरोधी शासन, या एएमएल / सीएफटी, शासन के वित्तपोषण को मजबूत करने के लिए अपने वित्तीय नेटवर्क सिस्टम को पूरी तरह से खत्म करना है। दूसरे शब्दों में, पाक को जमात-उद-दावा और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों पर शिकंजा कसना होगा।

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अगर एक हिसाब से देखा जाए तो पाकिस्तान इन आतंकी संगठनों पर अंकुश लगाने में अब तक नाकाम रहा है। कभी कभी पाक हाफिज सईद को नज़र करता है लेकिन कुछ दिनों बाद देखा जाता है कि वह खुलेआम घूम रहा है।

इससे पहले अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने पाकिस्तान को 2019 की ब्लैक लिस्ट में डाला था।