साल 2020 का पहला ग्रहण लगने वाला है. यह चंद्र ग्रहण रात 10 बजकर 37 मिनट पर शुरू हो जाएगा, जोकि 11 जनवरी 2 बजकर 42 मिटन तक चलेगा. यानी की इस चंद्र ग्रह्ण की अवधि कुल चार घंटे तक की होगी. यह एक उपच्छाया चंद्र ग्रहण है, जिसे आप आंखो से नहीं देखा जा सकेगा. अगर आपने आखों में कुछ नहीं पहना तो आप नहीं देखा जा सकेगा.
अगर बात धार्मिक मान्यताओं की करें तो ग्रहण को लेकर कई पाबंदियां होती है, जो कि ग्रहण से पहले सूतक काल के दौरान से ही शुरू हो जाती हैं. लेकिन आपको बता दें कि शास्त्रों में उपच्छाया चंद्र ग्रहण को ग्रहण ही नहीं माना जाता है.
इसलिए इस ग्रहण में कोई सूतक काल नहीं लगता. वहीं आज के दिन पौष पूर्णिमा भी है, इसलिए आम दिनों की ही तरह आज के दिन निकाला जाएगा. मंदिरों के कपाट बंद नहीं किए जाएंगे. पूजा-पाठ वर्जित नहीं होगी. इसके अलावा ग्रहण के दौरान खाने-पीने को बरती जाने वाली सावधानियां भी मान्य नहीं होंगी. यह ग्रहण आम दिनों की तरह निकलेगा.
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उपच्छाया चंद्र ग्रहण का अर्थ है जब सूरज और चांद के बीच पृथ्वी घूमते हुए आती है, लेकिन वे तीनों एक सीधी लाइन में नहीं होते. ऐसी स्थिति में चांद की छोटी सी सतह पर अंब्र नहीं पड़ता. बता दें, पृथ्वी के बीच के हिस्से से पड़ने वाली छाया को अंब्र कहते हैं. चांद के बाकी हिस्से में पृथ्वी के बाहरी हिस्से की छाया पड़ती है, जिसे पिनम्ब्र या उपच्छाया कहते हैं.