सीबीआई के पूर्व निदेशक आलोक वर्मा को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली समिति नें इसलिए पद से हटाया है क्योंकि, उन पर नीरव मोदी और माल्या को भगाने का आरोप है। सीबीआई के पूर्व निदेशक आलोक वर्मा पर रिश्वतखोरी से लेकर पशु तस्करों की मदद करने के आरोप हैं. केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) इन आरोपों की जांच कर रही है।
इन आरोपों को आधार बनाकर पीएम मोदी की अध्यक्षता में हाई पावर कमिटी ने 2:1 से वर्मा को हटाने का फैसला लिया. अब उन पर भगोड़े आर्थिक अपराधी विजय माल्या और फरार हीरा व्यापारी नीरव मोदी की मदद करने का आरोप लग रहा है।
विजय माल्या की मदद की
आलोक वर्मा पर आरोप है की, उन्होंने 2015 में विजय माल्या को भगाने में मदद की थी। आपको बता दें की विजय माल्या बैंक के 10 हज़ार करोड़ रुपए लेकर भाग गए है।
पीएनबी स्कैम
रिपोर्ट के मुताबिक आलोक वर्मा पर आरोप है कि उन्होंने नीरव मोदी के केस में सीबीआई के कुछ आंतरिक ईमेलों के लीक होने पर आरोपी को ढूंढने की बजाय वह मामले को छिपाने की कोशिश करते रहे, जबकि उस वक्त पीएनबी घोटाले की जांच जारी थी।