नहीं रहें पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, 93 साल की उमर में हुआ निधन

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पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का 93 साल की उम्र में निधन हो गया। वे दो बार भारत के प्रधामंत्री रहे। पिछले कई दिनों से ख़राब हालत की वजह से वो एम्स के में वेंटिलेटर के सोर्पोट पर थे। पिछले 24 घटों से उनकी तबीयत ज्यादा बिगड गई हैँ। जिसके कारण उनकी हालत नाजुक बनी हुई हैं। जैसे ही उनकी ख़राब तबीयत की ख़बर फैली सियासी गलियारों से हर नेता उनसे मिलने के लिए अस्पताल जा रहे हैं। एम्स के डॉक्टरों ने उनके मेडिकल बुलेटिन में कहा की वह वेंटिलेटर पर है।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह स्वयं उन्हें देखने के लिए एम्स गए हैं। आपको बता दे की अटल बिहारी वाजपेयी की तबीयत काफ़ी सालों से ख़राब चल रहीं थी।

अपनी लंबी बीमारी से लड़ने के बाद उन्होंने लोगों को अलविदा कह दिया हैं, लेकिन ने दुनिया से जाते-जाते भी लोगों के दिलों में अपनी यादें छोड़ गए। अपने शासनकाल के दौरान भारत को उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उस मुकाम तक लेकर गए जो इससे पहले भारक का कोई भी प्रधानमंत्री लेकर नीहं जा सका था। भारत पाकिस्तान रिश्ते हो या फिर पोखरण के समय अमेरिका के ख़िलाफ़ जाकर परमाणु बम को टेस्ट करना हो उन्होंने हमेशा ही देशहित के लिए काम किया था।

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हर पार्टी के चहेते रहे है अटल बिहारी वाजपेयी

अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय राजनीति के ऐसे चेहरे रहें है जिन्हें हर राजनीतिक दल नें अपने दिल में हमेशा इज्जत और प्यार दिया। उनका व्यक्तित्व इतना अच्छा था की उऩ्हें हर राजनेता और हर राजनीतिक पार्टी नें सम्मान दिया। यही कारण है की जब से उनकी तबीयत के बारे में देश को पता चला है तब से कईँ केन्द्रीय मंत्री उनका हाल चाल देखने के लिए एम्स में हैं। वे भारत के दो बार प्रधानमंत्री बनें। उनहीं की कार्यकाल में भारत नें पोखरण में परमाणु हथियार का परीक्षण करके दुनिया को भारत की ताकत का एहसास कराया। उन्हीं के कर्याकाल में करगिल युद्र भी हुआ था। उस वक्त उन्होंने भारतीय सेना का होसला बढा कर करगिल युद्र को जीता था। साल 2004 के चुनाव में बीजेपी लोकसभा का चुनाव हार गई थी। उनके प्रधानमंत्री के क्रार्यकाल के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था नें कईं सफलताएं हासिल की थी।

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