जनरल वीके सिंह की अगुवाई में भारत लाए गए इराक में मारे गए 38 भारतीयों के शव

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इराक के मोसुल में बंधक बना कर मार डाले गए 38 भारतीय मजदूरों के शव भारत आ गए हैं. विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह विशेष विमान से पंजाब के अमृतसर एयरपोर्ट पर इराक से 38 भारतीयों के शव वापस लाए. परिजनों के साथ यहां शवों को लेने के लिए पंजाब सरकार के मंत्री भी पहुंचे हैं. 2014 में खूंखार आतंकी संगठन आईएसआईएस ने 39 भारतीय को अगवा कर उनकी हत्या कर दी थी. लेकिन एक मृतक की शिनाख्त न हो पाने के कारण 38 भारतीयों के शव ही वापस लाए जा सके.

देश आये देश के सपूत

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मारे गए भारतीय इराक में भवन निर्माण में मज़दूरी करने गए थे. पिछले तीन साल से भारत सरकार की तरफ से उनका पता लगाने की कोशिश की जा रही थी. काफी मशक्कत के बाद डीएनए मिलान के बाद मारे गए भारतीयों की शिनाख्त हो सकी. भारत सरकार में विदेश राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह भारतीयों के शवों को लाने के लिए इराक गए थे. इराक से भारतीयों के शवों को लाने वाली फ्लाइट तय समय से कुछ देरी से सोमवार को करीब ढाई बजे अमृतसर के हवाई अड्डे पर उतरी. इस दौरान परिजन एयरपोर्ट पर ही ताबूत खोलने की मांग कर रहे थे, लेकिन एयरपोर्ट से सभी ताबूतों को परिजनों को सौंपने में लगने वाले समय को देखते हुए उपायुक्त कमलदीप सिंह संघा ने उन्हें खोलने से मना किया. बता दें कि इराक में जान गंवाने वालों में सबसे ज्यादा 27 लोग पंजाब के ही थे. अमृतसर के बाद विमान कोलकाता पहुंचेगा. यहां से विमान सीधे पटना जाएगा और रात करीब 8.30 बजे यहां पहुंच जाएगा.

जनरल वीके सिंह का बयान

इस दौरान वीके सिंह ने बताया कि डीएनए मैच करना काफी मुश्किल था. उन्होंने कहा कि इराक में 40 भारतीयों का कोई रिकॉर्ड नहीं था. शव का पता लगाने में इराक सरकार की मदद के लिए वीके सिंह ने उनका धन्यवाद किया. उन्होंने बताया था कि 38 लोगों के शव मिलें, जबकि 39वें शव का डीएनए मैच किया जाना अभी बाकी है. जिसके बाद आज विशेष विमान से 38 शवों को लेकर वीके सिंह भारत पहुंचे हैं. वो रविवार को मोसुल रवाना हुए थे. इराक में ताबूतों को विमान में चढ़ाए जाने पर भारत के विदेश राज्य मंत्री वी के. सिंह ने उन्हें सलामी दी. इस दौरान सिंह ने आतंकवादियों की आलोचना की और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अपनी सरकार के रुख को जाहिर किया. उन्होंने आईएसआईए ‘बेहद क्रूर संगठन’ बताते हुए कहा कि हमारे देश के नागरिक आईएसआई  की गोलियों के शिकार हुए हैं. हम लोग हर तरह के आतंकवाद के खिलाफ हैं.’

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ज़ख्मों पर मरहम की कोशिश

राज्य सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने एयरपोर्ट पहुंचकर परिजनों को ढांढस बंधाया और उनके पुनर्वास का वादा किया. कांग्रेस सांसद गुरजीत सिंह अहूजा और आम आदमी पार्टी नेता संजय सिंह और पूर्व अकाली नेता विरसा सिंह वलतोहा भी एयरपोर्ट पर परिजनों से मिले. केन्द्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री विजय सांपला भी हवाई अड्डे पर पहुंचे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पंजाब सरकार ने मारे गए भारतीयों के परिजनों को 5-5 लाख मुआवज़ा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देना का एलान किया है. सरकार योग्यता के आधार पर मृतकों के परिजनों को नौकरी दे सकती है. बता दें कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने 20 मार्च को संसद में इराक में 39 भारतीयों के मारे जाने की जानकारी दी थी. उन्होंने बताया था कि इराक के मोसुल में भारतीयों को आतंकी संगठन ने अगवा कर लिया था और फिर उनकी हत्या कर दी थी.

आतंकवादियों का निवाला बन गए बेगुनाह

बता दें कि जून 2014 में उत्तरी मोसुल शहर पर कब्जा करने के तुरंत बाद आईएस ने इन मजदूरों को अगवा कर लिया था. जिसके बाद उनकी मौत को लेकर संशय बना हुआ था. बीते 20 मार्च को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संसद में इस बात की पुष्टि की थी कि सभी भारतीय जो अगवा किए गए थे, उनकी मौत हो गई है.