Gita Gopinath news: गीता गोपीनाथ IMF में बनेंगी नंबर 2, छोड़ने की थी तैयारी लेकिन मिल गया प्रमोशन

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Gita Gopinath news: गीता गोपीनाथ IMF में बनेंगी नंबर 2, छोड़ने की थी तैयारी लेकिन मिल गया प्रमोशन

हाइलाइट्स

  • IMF की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ को मिला प्रमोशन
  • वह आईएमएफ की फर्स्ट डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर होंगी
  • यह दूसरे नंबर का पद है, अभी यह ज्यॉफ्री ओकामोतो के पास है
  • गोपीनाथ 3 साल से आईएमएफ की चीफ इकनॉमिस्ट पद पर हैं

नई दिल्ली
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund) की मुख्य अर्थशास्त्री (chief economist) गीता गोपीनाथ (Gita Gopinath) अब इस संस्था में खास भूमिका में नजर आएंगी। भारतीय मूल की गीता गोपीनाथ पहले आईएमफ को छोड़ना चाहती थीं। वह जनवरी 2022 में वापस हार्वर्ड विश्वविद्यालय जाकर शैक्षणिक कार्य करना चाहतीं थीं, लेकिन अब वह आईएमएफ में ही अपनी सेवाएं देंगी। उन्हें प्रमोट कर आईएमएफ की फर्स्ट डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर (First Deputy Managing Director) बनाया गया है। यह आईएमएफ में दूसरे नंबर का पद है।

गीता गोपीनाथ वह ज्यॉफ्री ओकामोतो (Geoffrey Okamoto) की जगह लेंगी। आईएमएफ ने गुरुवार को बताया कि ओकामोतो अगले साल की शुरुआत में अपना पद छोड़ देंगे जिसके गीता गोपीनाथ उनकी जगह कामकाज संभालेंगी। गोपीनाथ 3 साल से आईएमएफ में चीफ इकनॉमिस्ट के रूप में कार्य कर रहीं हैं। इससे पहले खबर आई थी कि वह जनवरी 2022 में हार्वर्ड विश्विद्यालय में फिर से शैक्षणिक कार्य शुरू करने वालीं हैं। लेकिन उन्हें प्रमोशन देकर आईएमएफ में डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर बनाया गया है।

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एमडी ने क्या कहा

आईएमएफ की मैनेजिंग डायरेक्टर क्रिस्टलीना जॉर्जीवा (Kristalina Georgieva) ने कहा कि गीता गोपीनाथ पहली महिला चीफ इकोनॉमिस्ट थीं, हमें इस बात की खुशी है कि वह अपनी सेवाएं जारी रखेंगी और अब डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर के रूप में काम करेंगी। आईएमएफ में उनकी सेवाएं शानदार रही हैं। खासकर उन्होंने ग्लोबल इकॉनमी और आईएमएफ की मदद के लिए बौद्धिक नेतृत्व (intellectual leadership) प्रदान किया है और हमारे समय के सबसे बदतर आर्थिक संकट में उतार-चढ़ाव से निकलने का रास्ता दिखाया है।

भारत में पढ़ाई
गीता गोपीनाथ अब हालांकि अमेरिका की निवासी हैं, पर भारत से उनका करीबी नाता है। उनका जन्‍म भारत में हुआ था। उन्‍होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्रीराम कॉलेज से अर्थशास्त्र में ऑनर्स की पढ़ाई की। उन्‍होंने 1992 में यहां से ऑनर्स किया और फिर दिल्ली स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स से अर्थशास्त्र में ही मास्टर की पढाई पूरी की। इसके बाद 1994 में वह वाशिंगटन यूनिवर्सिटी चली गईं। साल 1996 से 2001 तक उन्होंने प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में पीएचडी की।

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गीता गोपीनाथ वर्ष 2001 से 2005 तक शिकागो यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर रहीं, जिसके बाद उन्‍होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में असिस्‍टेंट प्रोफेसर के तौर पर ज्‍वाइन किया। अगले पांच वर्षों में यानी 2010 में वह इसी यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर बन गईं। व्यापार एवं निवेश, अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संकट, मुद्रा नीतियां, कर्ज और उभरते बाजारों की समस्याओं पर उन्‍होंने लगभग 40 शोध-पत्र भी लिखे हैं।

बयान पर विवाद
पिछले साल वह एक इंटरव्‍यू को लेकर भी सुर्खियों में रहीं, जिसमें उन्‍होंने वैश्विक आर्थिक विकास में गिरावट के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने कहा कि ग्लोबल ग्रोथ के अनुमान में 80 फीसदी गिरावट के लिए भारत जिम्मेदार है। उनके इस बयान के बाद देश में विपक्षी पार्टियों ने मोदी सरकार पर निशाना साधा था। उन्‍होंने 2016 में सरकार के नोटबंदी के फैसले को भी आर्थिक विकास के लिहाज से नकारात्‍मक बताया था। लेकिन उन्होंने मोदी सरकार का विवादास्पद कृषि कानूनों की तारीफ की थी।

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बॉलिवुड मेगास्टार अमिताभ बच्चन ने टीवी के चर्चित शो ‘कौन बनेगा करोड़पति’ के 12वें सीजन में एक एपिसोड के दौरान कंटेस्टेंट से इंटरनेशनल मोनेटरी फंड (आईएमएफ) की चीफ इकोनॉमिस्ट गीता गोपीनाथ से जुड़ा एक सवाल पूछा था। इस दौरान उन्होंने गीता गोपीनाथ की खूबसूरती की तारीफ भी की। गीता गोपीनाथ ने इस वीडियो को अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर कर लिखा कि मुझे नहीं लगता है कि कभी इसे भूल पाऊंगी। मैं अमिताभ बच्चन की बहुत बड़ी फैन हूं। मेरे लिए यह बहुत खास है।’

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