दिल्ली सरकार ने छात्रों को दी सौगात

397
दिल्ली सरकार ने छात्रों को दी सौगात
दिल्ली सरकार ने छात्रों को दी सौगात

देश की राजधानी दिल्ली की सरकार ने स्कूली बच्चों के लिए सौगात दी है। जी हाँ, दिल्ली सरकार ने स्कूल में जाने वाले बच्चों के लिए एक अहम फैसला लिया है। देश की राजधानी दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने सरकारी स्कूलों में जाने वाले बच्चों के लिए एक तौहफा दिया है। दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने नई दिल्ली नगर निगम पालिका, दिल्ली केंटोमेंट से संबंधित स्कूलों और सरकारी स्कूलों सहायता प्राप्त स्कूलों में पढने वाले बच्चों को यात्रा भत्ता देगी। दिल्ली के सीएम केजरीवाल का यह फैसला उन बच्चों के लिए किसी वरदान से कम नहीं होगा, जो घर में पैसें न होने की वजह से स्कूल नहीं जा पाते थे।

खबर के मुताबिक, दिल्ली सरकार नई दिल्ली नगर पालिका, दिल्ली केंटोमेंट के साथ ही सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को यात्रा भत्ता देगी। यात्रा भत्ता के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। हालांकि यात्रा भत्ता नगद राशि में नहीं दिया जाएगा। साथ ही यह उन्हीं बच्चों के लिए है, जो दिव्यांग हो या फिर गरीब या फिर किसी अन्य परेशानी में हो।

शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि शैक्षणिक सत्र 2017-2018 के लिए करीब 65 लाख रूपये यात्रा भत्ते के लिए संबंधित विभाग ने मंजूर किया है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि आठ जिलों के कुल 2635 बच्चों को हर महीने 250 रूपये दस महीने तक भत्ता के रूप में मिलेगा। पहली से आठवीं कक्षा तक के छात्रों को ही यह तौहफा मिलेगा। अधिकारी ने कहा कि स्कूलों को भी स्पष्ट निर्देश दे दिये गये हैं। जो बच्चें इसका लाभ लेने के लिए उपयुक्त है, उनका सत्पायन करना स्कूलों की ही जिम्मेदारी होगी। अधिकारी के बयान से साफ जाहिर होता है कि यात्रा भत्ता का लाभ सिर्फ जरूरतमंद छात्रों को ही, इसीलिए इसका लाभ उठाने वाले छात्रों का पहले सत्यापन किया जाएगा कि उन्हे इसकी जरूरत है या नहीं, इसी आधार पर फैसला किया जाएगा किन छात्रों को यात्रा भत्ता दिया जाए या किन छात्रों को नहीं दिया जाए। आपको बता दें कि यात्रा भत्ता के लिए वाहन का इंतजाम किया जाएगा। दिल्ली सरकार का छात्रों को नगद राशि न देने का फैसला सराहनीय कहा जा सकता है, क्योंकि सरकार अगर बच्चों को नगद राशि देती तो शायद इसका उपयोग से नहीं किया जाए।

बहरहाल, दिल्ली सरकार का यह फैसला छात्रों के लिए खुशियों से भरा सौगात है, लेकिन यह सौगात सही मायने में तभी खुशियों से भरा साबित हो सकता है, जब इसका उपयोग सही और जरूरतमंद छात्रों के लिए किया जाए।