गडकरी ने सड़क दुर्घटना रोकने के लिए टायरों में इस चीज़ को भरने का किया अनुरोध

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सरकार ने सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए टायरों की गुणवत्ता में सुधार और उनमें नाइट्रोजन के साथ सिलिकॉन के मिश्रण को निर्माताओं द्वारा अमल में लाने की अनिवार्यता पर विचार कर रही है। परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को राज्यसभा को इस बारे में सूचित किया।

राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान नितिन गडकरी ने यमुना एक्सप्रेसवे पर हुई सड़क दुर्घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने दुर्घटना के कारणों को देखने के लिए एक समिति का गठन किया है।

यमुना एक्सप्रेसवे यूपी सरकार द्वारा बनाया गया था और उक्त राजमार्ग का केंद्र सरकार के साथ कोई संबंध नहीं है।

उन्होंने कहा कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय देश में राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण और रखरखाव का काम करता है और नोएडा-आगरा यमुना एक्सप्रेसवे राष्ट्रीय राजमार्ग नहीं है और इसका निर्माण NHAI या इस मंत्रालय द्वारा किया जाता है।

केंद्र सरकार उत्तर प्रदेश सरकार से समिति की सिफारिशों को लागू करने और दुर्घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए कहेगी।

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उन्होंने कहा कि इस हाईवे ने 2016 में 133, 2017 में 146 और 2018 में 11 लोगों की जान ले ली। गडकरी ने आगे बताया, “हम टायर निर्माताओं को टायर में रबड़ के साथ सिलिकॉन मिलाने और सामान्य हवा के बजाय नाइट्रोजन से भरने के लिए इसे अनिवार्य बनाने पर विचार कर रहे हैं।”

अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार, अत्यधिक गर्मी के कारण टायर के फटने की संभावना को कम करने के लिए सिलिकॉन को रबर के साथ मिलाया जाता है और टायरों में नाइट्रोजन भरा जाता है।

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गडकरी ने कहा कि केंद्र सरकार ने सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए 14,000 करोड़ रुपये की योजना तैयार की है जिससे कीमती जीवन को बचाया जा सके।

उन्होंने बताया कि तमिलनाडु में सड़क दुर्घटनाओं में गिरावट आई है जबकि उत्तर प्रदेश इस सूची में सबसे ऊपर है। मंत्री ने सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए ऑटोमोबाइल में तकनीकी प्रगति का भी समर्थन किया।