Gujarat: Patel Infrastructure Limited का नाम Golden Book of World Record और India Book of Records में हुआ दर्ज

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Gujarat: Patel Infrastructure Limited का नाम Golden Book of World Record और India Book of Records में हुआ दर्ज

वड़ोदरा: जानी मानी कंस्ट्रक्शन, डेवलपमेंट और मेंटेनेंस सर्विस कंपनी पटेल इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (Patel Infrastructure Limited) ने गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज करवाकर पहली बार विश्व रिकॉर्ड बनाया. कंपनी ने इस प्रोजेक्ट के माध्यम से चार रिकॉर्ड हासिल कर लिए. कंपनी ने अपने बेहतरीन वर्क पोर्टफोलियो में एक और खिताब जोड़ लिया है.

पटेल इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने बनाया ये वर्ल्ड रिकॉर्ड

बता दें कि यह रिकॉर्ड गुजरात (Gujarat) में 292 किलोमीटर से 355 किलोमीटर तक (दिल्ली-वड़ोदरा-मुंबई एक्सप्रेस वे के मनुबार-सांपा-पाड्रा सेक्शन) के आठ लेन के एक्सप्रेसवे कंस्ट्रक्शन वाले दिल्ली-वड़ोदरा-मुंबई प्रोजेक्ट का हिस्सा है. यह विश्व रिकॉर्ड 1 फरवरी 2021 को बनाया गया.

जान लें कि वड़ोदरा-मुंबई एक्सप्रेसवे परियोजना के लिए दुनिया की सबसे बड़ी पूरी तरह से स्वचालित अल्ट्रा-मॉडर्न कंक्रीट पेवर मशीन द्वारा बेहतरीन पेवमेंट क्वालिटी के कंक्रीट के निर्माण के साथ प्रोजेक्ट को महज 24 घंटे में पूरा किया गया.

इस उपलब्धि को हासिल करने पर उत्साहित पटेल इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के प्रबंध निदेशक, अरविंद पटेल ने कहा, ‘इस बड़ी उपलब्धि को हासिल करने और भारतीय सड़क निर्माण उद्योग की ऐतिहासिक पुस्तकों का हिस्सा बनकर हम बेहद खुश हैं. सिविल प्रोजेक्ट के निर्माण की प्रकृति में बहुत से कारक शामिल होते हैं जिनको अलाइंड करना होता है. हमने सिर्फ सड़क और राजमार्ग निर्माण के क्षेत्र में बेंचमार्क स्थापित करने का प्रयास नहीं किया बल्कि जिम्मेदार तरीके से ऐसा किया है.’

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पटेल इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को इस काम के लिए अवॉर्ड मिला:

– 24 घंटे में पेवमेंट क्वालिटी कंक्रीट की सबसे बड़ी मात्रा बिछाई गई: 14641.43 मीटर क्यूब

– 24 घंटे में सबसे बड़ी मात्रा में पेवमेंट क्वालिटी कंक्रीट का निर्माण: 14527.50 मीटर क्यूब

– 18.75 मीटर चौड़ाई में पेवमेंट क्वालिटी कंक्रीट का लगातार 24 घंटे बिछाया जाना: 1280 मीटर

– 24 घंटे एक्सप्रेसवे के लिए कठोर पेवमेंट क्वालिटी कंक्रीट का का सबसे बड़ा क्षेत्र: 48804.75 एसक्यूएम

गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड (Golden Book of World Record) के एशिया हेड, डॉक्टर मनीष विश्नोई ने बताया कि जीबीडब्ल्यूआर को वर्ल्ड रिकॉर्ड्स बनाने की कोशिश के लिए चार आवेदन मिले थे. गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की टीम ने पटेल इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड द्वारा किए जा रहे अनूठे काम को देखा और उसका विश्लेषण किया.

डॉक्टर मनीष विश्नोई ने कहा कि टीम ने दुनिया के सबसे चौड़े पेवमेंट क्वालिटी कंक्रीटिंग मशीन के साथ दिल्ली-वड़ोदरा-मुंबई एक्सप्रेस वे के हिस्से के निर्माण के रूप में 1 फरवरी, सुबह 8 बजे से शुरू होकर 2 फरवरी को सुबह 8 बजे तक, 24 घंटे तक चली लंबी और सुनियोजित और समन्वित इंजीनियरिंग का नमूना (सिंक्रोनाइज्ड इंजीनियरिंग फिनोमिना) देखा.

उन्होंने आगे कहा कि फाइनल वेरिफिकेशन के बाद गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में चार वर्ल्ड रिकॉर्ड्स बनने की उपलब्धि की घोषणा की गई.

इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के एडजुडिकेटर एमके चौधरी ने कहा, ‘पटेल इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने शानदार इतिहास रचते हुए एक अद्भुत काम किया है. उन्होंने 24 घंटे के भीतर एक बार में आठ-लेन वाले एक्सप्रेस-वे के निर्माण में चार रिकॉर्ड बनाए हैं. कंपनी ने संतुलित तरीके से काम करने वाले बहुस्तरीय लोगों के वेल मैनेज्ड ग्रुप के साथ इस काम को संभव बनाया.’

एमके चौधरी ने कहा कि खासकर 18.75 मीटर की सबसे अधिक चौड़ाई वाली स्वचालित स्लिप ऑन फॉर्म पेवर मशीन के इस्तेमाल में स्किल्ड मैन पॉवर और मशीनरी को तैनात करके माइक्रो लेवल की प्लानिंग को लागू किया. स्लिप ऑन फॉर्म पेवर मशीन दुनियाभर में निर्माताओं द्वारा पसंद की गई है. हम ऐसा महसूस करते हैं कि सड़क निर्माण के परिदृश्य को बदलने में यह मशीन मील का पत्थर साबित होगी.

जान लें कि इस रिकॉर्ड को बनाने में कंपनी की लॉजिस्टिक टीम, प्रॉक्योरमेंट टीम और कंस्ट्रस्शन टीम का बहुत अच्छा सहयोग मिला, जिन्होंने प्रॉडक्शन साइट से लेयरिंग साइट तक 115 टिपरों के काफिले को अच्छा सपोर्ट दिया.

इसके अलावा मैकेनिकल डिपार्टमेंट के 300 से अधिक कर्मियों ने ऑनसाइट और प्रोडक्शन साइट मशीनों व उनके 250 ऑपरेशंस का संचालन किया. गुणवत्ता नियंत्रण टीम ने प्रोडक्ट क्वालिटी और एक्सप्रेसवे की गुणवत्ता को सुनिश्चित किया. प्रॉक्योरमेंट डिविजन ने सहजता के साथ बहुत बड़ी मात्रा में मैटेरियल को उपलब्ध करवाया.

इसके तहत थोक में 5000 मीट्रिक टन सीमेंट, 1500 मीट्रिक टन फ्लाई ऐश, 80 मीट्रिक टन एडमिक्सचर और 150 केएल एचएसडी, 500 मीट्रिक टन बर्फ, 130 मीट्रिक टन डॉवेल बार्स व टाई बार्स के साथ कुल 18000 मीट्रिक टन सामग्रियां उपलब्ध करवाई गईं.

इस बेहद मुश्किल काम को हेड ऑफिस और साइट की पेशेवर और कुशल प्रॉक्योरमेंट टीम ने अंजाम दिया. मैटेरियल्स की निगरानी, कंजप्शन और इस्तेमाल पर स्टोर डिपार्टमेंट ने नजर रखी. टेक्निकल डिपार्टमेंट प्लानिंग, एक्जीक्यूटिंग ने काम का पर्यवेक्षण और निगरानी की, सेफ्टी टीम ने ऑपरेशनल सेफ्टी उपलब्ध करवाया और उसको बनाए रखा.

सलाहकार और प्राधिकरण (एनएटएआई) के इंजीनियरों की एक्सपर्ट टीम ने कुल 1250 से अधिक ऑनसाइट कर्मियों जिसमें अन्य पेशेवर और विजिटर्स भी शामिल हैं, को ध्यान में रखते हुए पूरी गतिविधि का को-ऑर्डिनेट और गाइड किया.

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