H-1B visa पॉलिसी पर फिर से विचार करेगा अमेरिका, ट्रंप शासन के बनाए नियमों से हो रही थी दिक्कत

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दिल्ली: बदलते वक्त के साथ जो बदल जाए उसे दोस्त नहीं कहते. ये बात अमेरिका ने साबित कर दी है. भारत और अमेरिका की दोस्ती का दम फिर दिखा है क्योंकि बाइडेन प्रशासन ने H-1B visa पॉलिसी से जुड़े पुराने नियमों को वापस ले लिया है. अमेरिका के इस कदम से भारत में खुशी की लहर दौड़ गई है क्योंकि रोजगार का बड़ा रास्ता खुल गया है.

बाइडेन का बड़ा फैसला

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ट्रंप सरकार के फैसलों पर फिर से विचार करने का फैसला किया है. इस लिस्ट में H-1B visa पॉलिसी का मुद्दा भी है. आपको याद होगा ट्रंप सरकार ने विदेशी कर्मचारियों के लिए जारी किए जाने वाले H-1B visa से संबंधित 3 नए नियम बनाए थे. नए नियमों की वजह से अमेरिका में काम कर रहे भारतीय लोगों को काफी दिक्कतें हुई थीं.  सरकार बदलने के बाद बाइडेन प्रशासन ने उन तीनों नीतिगत फैसलों को वापस ले लिया है जिससे अमेरिका में दूसरे देश के लोगों को दिक्कत हो रही थी. 

बाइडेन-मोदी की दोस्ती का दम

भारत और अमेरिका की दोस्ती कितनी मजबूत है, बाइडेन सरकार का नया फैसला इस बात का सबसे बड़ा उदाहरण है. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और प्रधानमंत्री मोदी एक दूसरे का सम्मान करते हैं और विवादों को सुलझाने के लिए खुले मन से चर्चा करते हैं. H-1B visa पर नए नियमों का भारत ने विरोध किया था और अपनी आपत्ति दर्ज कराई थी. सरकार बदलने के बावजूद अमेरिका ने भारत से दोस्ती निभाने में कोई कोताही नहीं बरती.

भारतीय आईटी पेशेवरों को मिलेगी राहत

बाइडेन के बड़े फैसले से भारतीय आईटी पेशेवरों राहत की सांस ली है. एच-1बी वीजा को लेकर ट्रंप प्रशासन के विवादास्पद नियमों के चलते आईटी पेशेवरों को खासी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था. बाइडेन सरकार बड़े फैसले से अब उन सभी भारतीय आईटी पेशेवरों को फायदा होगा जो अमेरिका जाने का सपना देख रहे हैं. अमेरिका में भारतीय मूल के हजारों आईटी प्रोफेशनल (Information Technology Professional) काम करते हैं और लाखों युवा आईटी प्रोफेशनल अपने करियर की शुरुआत अमेरिका से करना चाहते हैं.

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क्या है H-1B visa पॉलिसी 

अमेरिका प्रशासन विदेशों से आने वाले प्रोफेशनल्स (Professionals) को H-1B visa जारी करता है. दरअसल ट्रंप सरकार के नियमों से केवल बेहद कुशल और ज्यादा वेतन वाले लोगों को ही H-1B वीजा मिल रहा था.  कम वेतन पर काम करने वाले कम कुशल लोगों को अमेरिका जाने के लिए H-1B visa नहीं मिल पा रहा था जिससे बहुत दिक्कत हो रही थी.

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