हरियाणा है नंबर वन पर।

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हरियाणा है नंबर वन पर।

परम्परागत मंडी के साथ साथ पिछले साल शुरू की गई ई-राष्ट्रीय कृषि बाजार में राज्यों की आगे निकलने की होड़ लगातार बनी रही । किसानो को सरकार के घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के मुकाबले बेहतर भाव दिलाने के लिए ई-नाम की स्थापना की गई, लेकिन इस लक्ष्य को पाने में इसका पहला चरण उत्साहजनक नहीं रहा है। पिछले सप्ताह राजधानी दिल्ली में केंद्रीय स्तर पर हुई समीक्षा बैठक में इसे लेकर कुछ राज्यों को जमकर फटकार लगाई थी।

कृषि मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पंजाब, हरियाणा व छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में कृषि उपज की गारंटी के साथ खरीद एमएसपी पर होती है । अब इन राज्यों में ई-मंडी की शुरुआत का मतलब यहाँ के किसानो को एमएसपी के मुकाबले बेहतर मूल्य दिलाना है। देश के 13 राज्यों की 455 मंडियों का चयन ऑनलाइन कारोबार के लिए ई-प्लेटफार्म मुहैया कराने के लिए किया गया है। इसमें हरियाणा भी एक प्रमुख खाद्यान उत्पादक राज्य है। यहाँ की ज्यादातर सरकारी खरीद एमएसपी पर होती है।

ई-प्लेटफार्म ऑनलाइन खरीद फरोख्त में हरियाणा शीर्ष पर रहा। यहाँ की मंडियों में हुई कुल खरीद का 60 फीसदी हिस्सा ऑनलाइन कारोबार रूप में दिखाया गया है जो मूल्य के हिसाब से 13500 करोड़ रूपये से भी अधिक है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर कुल कारोबार 23200 करोड़ रूपये का हुआ है। इस आधार से हरियाणा शीर्ष पर है जबकि तेलंगाना 4039 करोड़ रूपये ऑनलाइन कारोबार में दूसरे स्थान पर है । तीसरा स्थान गुजरात ने हासिल किया है जहाँ 3500 करोड़ रुपयों का कारोबार हुआ है। उत्तरप्रदेश 1097 करोड़ रूपये का कारोबार कर चौथे स्थान पर रहा। तेलंगाना को छोड़ बाकी राज्यों की ऑनलाइन कारोबार प्रणाली संदेह के घेरे में है। इन राज्यों को चेतावनी के साथ ई-नाम प्रणाली को दुरुस्त करने का सख्त निर्देश दिया गया है।