कोरोना वायरस का प्रकोप झेल रही है. सभी देश इस वायरस को खत्म करने और अपने-अपने देशवासियों को इससे निजात दिलाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान पर भी कोरोना वायरस ने कहर बरपा रखा है. अमेरिका और ब्राजील के बाद अब पाकिस्तान ने भी भारत से मलेरिया की हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवाई मांगी है।
अधिकारियों ने बताया है कि हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवाई की आपूर्ति के लिए पाकिस्तान के अलावा मलेशिया और तुर्की ने भी भारत से संपर्क किया है. भारत आपूर्ति अनुरोध पर विचार कर रहा है. हालांकि इस संबंध में निर्णय होना बाकी है।
दरअसल मलेरिया के इलाज में उपयोग होने वाली हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा का सबसे बड़ा विनिर्माता भारत है. दुनिया में इन दवा के उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी 70 फीसदी है. इस दवा को कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज में पासा पलटने वाला माना जा रहा है।
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भारत में हर महीने 40 टन हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (एचसीक्यू) उत्पादन की क्षमता है. यह 200-200 एमजी के करीब 20 करोड़ टैबलेट के बराबर बैठता है. क्योंकि इस दवा का उपयोग रूमेटाइड आर्थराइटिस जैसी ‘आटो इम्यून’ बीमारी के इलाज में भी किया जाता है, इसके कारण विनिर्माताओं के पास उत्पादन क्षमता अच्छी है.
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