Health policy के प्रीमियम पर कम है टैक्स छूट, जानिए इस बार क्यों आपको मिल सकती है राहत

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Health policy के प्रीमियम पर कम है टैक्स छूट, जानिए इस बार क्यों आपको मिल सकती है राहत

Section 80D: हेल्थ पॉलिसी खरीदने पर आप इनकम टैक्स के मौजूदा नियमों के हिसाब से आयकर में 25,000 तक की छूट पा सकते हैं। फ्यूचर जनरली इंडिया इंश्योरेंस कंपनी के एमडी एवं सीईओ अनूप राउ ने कहा है कि सरकार को इनकम टैक्स कानून के सेक्शन 80d के तहत हेल्थ कवर के प्रीमियम पर मिलने वाली इनकम टैक्स छूट की रकम को ₹25000 से बढ़ाकर डेढ़ लाख रुपये तक कर देना चाहिए।

राउ के मुताबिक इनकम टैक्स छूट संबंधी इस बदलाव से देश में मेडिक्लेम पॉलिसी का घनत्व बढ़ाने में काफी मदद मिल सकती है। इनकम टैक्स कानून के मौजूदा नियमों के मुताबिक अगर आप अपने और परिवार के लिए मेडिकल पॉलिसी लेते हैं तो सेक्शन 80d के तहत ₹25,000 की रकम तक टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं।

हेल्थ प्लान का बढ़ा प्रीमियम

अनूप राउ ने कहा है कि देश में इलाज के बढ़ते खर्च और गंभीर बीमारियों के मामलों में इजाफा होने की वजह से अब मध्य आय वर्ग और निम्न आय वर्ग के लोगों के लिए इलाज का खर्च लगातार बढ़ता जा रहा है, इस वजह से हेल्थ पॉलिसी का प्रीमियम भी बढ़ा है। समय की मांग है कि इस समय लोगों को हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने पर टैक्स में अधिक छूट का फायदा मिले।

बजट में हो घोषणा

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आगामी 1 फरवरी को देश का बजट पेश करने वाली हैं। साधारण बीमा कंपनियों को लगता है कि अगर आम लोगों के लिए इनकम टैक्स में छूट बढ़ाई जाए तो देश में अधिक से अधिक लोग हेल्थ पॉलिसी खरीदने का फैसला करने की तरफ बढ़ सकते हैं। कोरोना महामारी के दौर में देश में लोगों के बीच हेल्थ इंश्योरेंस को लेकर काफी जागरुकता देखी गई है और इस वजह से उम्मीद की जा रही है कि टैक्स छूट मिलने के बाद अधिक से अधिक लोग हेल्थ पॉलिसी खरीदने में दिलचस्पी लेंगे।

सेक्शन 80D के प्रावधान
इनकम टैक्स कानून 1961 के सेक्शन 80D के मुताबिक़ साठ साल से कम उम्र के लोग हेल्थ पॉलिसी खरीदने पर प्रीमियम के रूप में चुकाई गई रकम के 25,000 रुपये पर यह लाभ ले सकते हैं। 60 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए मेडिकल पॉलिसी लेने पर इनकम टैक्स में 30,000 तक का लाभ मिलता है। इसके साथ ही आप हर साल तक मेडिकल जांच के लिए खर्च होने वाली रकम पर 5,000 तक के छूट का दावा भी कर सकते हैं।

बीमा कारोबार का बढ़े दायरा
भारत में बीमा कारोबार को बढ़ावा देने के लिए एडलवाइज टोकियो ने वित्त मंत्री से अनुरोध किया है कि टैक्स डिडक्शन के लिए लाइफ इंश्योरेंस के प्रीमियम को अन्य निवेश के साथ क्लब करने की सुविधा नहीं दी जानी चाहिए। इसके साथ ही नए जमाने की बीमा कंपनी एको इंश्योरेंस ने वित्त मंत्री से मांग की है कि होम और पर्सनल एक्सीडेंट इंश्योरेंस को भी टैक्स छूट के दायरे में शामिल किया जाए।

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