कल रमदान करीम के साथ हो चुकी है रमजान के पाक महीने की शुरुवात

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रमजान इस्लाम धर्म का सब से पवित्र महिना होता है. इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार रमजान साल का नौवां महीना होता है. इस महीने में मुस्लमान लोग रोजा रखते है. इस दौरान उनको सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक कुछ भी खाने-पीने की मनाही होती है. इस साल रमजान का महिना आज से शुरू हो गया है.

रमजान के समय किन-किन कर्तव्यों का पालन करना जरुरी

रमजान इस्लाम धर्म का सबसे पवित्र पर्व है. इस दौरान मुसलिम समुदाय के लोगों को कई प्रकार के कर्तव्यों को अमल में लाना जरुरी होता है. आज में आपको इन कर्तव्यों के बारे में बताता हूँ. सबसे पहला कर्तव्य नमाज, दूसरा रोजा, तीसरा हज और चौथा जकात है. रोजा रखने का मतलब है अपने आपको तमाम बुराइयों से रोकना, ज़बान से कुछ भी ग़लत या फिर बुरा नहीं बोलना, आंख से ग़लत नहीं देखना, कान से ग़लत नहीं सुनना. रोजे के दिन कुछ भी खाने और पीने की हिदायत नहीं दी गई है. इस दिन का मुख्य महत्त्व यह है कि रोजा हमे  झूठ, हिंसा, व तमाम गलत कामों से दूर रखने की प्रेरणा देती है.

आपको बता दें कि रमजान के महीने को तीन हिस्सों में बाँटा गुआ है. हर हिस्से में 10 दिन आते है. इस दस दिन के हिस्से को ‘अशर’ कहते है, जिसका मतलब अरबी भाषा में दस है. इन दिनों सभी मुसलमानों को रोजा रखना जरुरी होता है.

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क्या है रमजान का इतिहास

कहा जाता है कि मोहम्मद साहब को सन् 610 में लेयलत उल-कद्र के मौके पर कुरान शरीफ का पवित्र ज्ञान प्राप्त हुआ था. तभी से इस महीने को इस्लाम धर्म में रमजान के रूप में मनाया जाता है. इस पवित्र महीने में मुसलमान लोगों को कुछ खास सावधानियां बरतने की हिदयात दी जाती है. इस समय इस समुदाय के लोगों को काफी चीजों को परहेज भी करने को बोला जाता है.

आपको यह बता  दें कि इस पर्व को भारत समेत पूरे देश में काफी धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन सभी बाजारों में रौनक बनीं रहती है. खास तौर पर पुरानी दिल्ली, हैदराबाद और लखनऊ में रमजान के दिनों में रौनक देखने को मिलती है. इस अवसर पर खास बात यह है कि कई शहरों में इन दिनों तमाम हिन्‍दू अपने मुस्लिम भाईयों के लिये इफ्तार पार्टी का आयोजन भी करते हैं. इन दिनों एक से बढ़कर एक बेहतरीन पकवान और रोज़ा इफ्तार के वक्‍त मेल-मिलाप का मौका देखने को मिलता है.