जानिए कैसे गर्भ में बढ़ता है शिशु ?

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जानिए कैसे गर्भ में बढ़ता है शिशु

दुनिया का सबसे खूबसूरत करिश्मा अगर कोई है तो वो एक बच्चे का जन्म होना ही है। जब नौ महीने के लम्बे अंतराल के बाद एक नई नन्ही सी जान इस दुनिया में आँखें खोलती है यह नजारा किसी अद्भुत करिश्मे से कम नहीं होता मगर नौ महीने की इस अवधि में बच्चा किस तरह अपनी नींव रखता है और किस तरह गर्भ में वृद्धि करता है? बच्चे के गर्भ में बढ़ने की अलग अलग चरण होते है और हर चरण में शिशु के अंगो का निर्माण होता है।

गर्भावस्‍था के 8वें हफ्ते के दौरान बच्‍चे के शरीर में सबसे पहले आंखों और कान का विकास होता है, इस अवस्‍था तक हल्‍का सा चेहरा भी बन जाता है।

गर्भावस्‍था के 9 वें हफ्ते में बच्‍चे के जननांग बनने लगते हैं। 12 से 13 हफ्ते तक आसानी से पता लगाया जा सकता है कि गर्भ में पलने वाला बच्‍चा लड़‍की है या लड़का।

गर्भावस्‍था के 12वें हफ्ते तक गर्भाशय में बच्‍चे का शरीर पूरा रूप ले लेता है। इस दौरान इसके शरीर क लम्‍बाई 5 सेमी. होती है। आंखें, नाक, कान, एड़ी और नाखून भी बन जाते हैं।

गर्भ में 20 वें हफ्ते के दौरान बच्‍चे के शरीर की लम्‍बाई जन्‍म के समय होने वाली लम्‍बाई से ठीक आधी होती है। यानि लगभग बच्‍चा 18 सेमी. का हो जाता है। इस समय पर बच्‍चे की भौं और पलकें बनने लगती हैं।

24 वें हफ्ते के बाद बच्‍चे में सुनने की क्षमता का विकास होने लगता है। इस दौरान बच्‍चे का चेहरा और बाकी के अंग विकसित होते हैं। इस दौरान चेहरे की त्‍वचा बहुत पतली होती है।

28 वें सप्‍ताह में बच्‍चे की सूंघने वाली क्षमता का विकास भी इसी चरण में होता है।

32 वें सप्‍ताह के दौरान बच्‍चे की आंखें गर्भ में ही खुलने लगती हैं। इसी दौरान बच्‍चे की गर्भ में स्थिति भी बदलती है। इस समय बच्‍चे की भुजाएं और जांघों का विकास होता है जिस वजह से मां को काफी परेशानी होती है। बच्‍चे का शरीर भी 44 से 55 सेमी. तक हो जाता है।

40 वें सप्‍ताह के दौरान बच्‍चा शरीर में पूरी तरह विकसित हो जाता है। यह गर्भावस्‍था का पूर्ण चरण होता है।

गर्भावस्‍था के पूरे चरण के दौरान बच्‍चे का वजन 2 से 3 किलो होता है। कई बच्‍चे तो 3 से 5 किलो के भी पैदा होते हैं। ऐसे बच्‍चे स्‍वस्‍थ श्रेणी में गिने जाते हैं।