डेंगू से होने वाली लिवर सूजन कितनी खतरनाक है और इसका उपचार क्या है ?

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डेंगू से होने वाली लिवर सूजन कितनी खतरनाक है और इसका उपचार क्या है ? ( How dangerous is liver inflammation caused by dengue and what is its treatment? )
डेंगू से होने वाली लिवर सूजन कितनी खतरनाक है और इसका उपचार क्या है ? ( How dangerous is liver inflammation caused by dengue and what is its treatment? )

डेंगू से होने वाली लिवर सूजन कितनी खतरनाक है और इसका उपचार क्या है ? ( How dangerous is liver inflammation caused by dengue and what is its treatment? )

डेंगू एक वायरस से फैलने वाली बीमारी है. आम भाषा में इस बुखार को हड्डी तोड रोग भी कहा जाता है. इसका कारण यह है कि इससे शरीर व जोड़ों में बहुत तेज दर्द होता है. लेकिन काफी बार देखने को मिलता है कि इस बीमारी से लिवर में सूजन आ जाती है. लोगों के मन में सवाल होता है कि यह कितना खतरनाक होता है तथा इसका उपचार क्या है. अगर आपके मन में भी ऐसा ही सवाल है , तो इस पोस्ट में आपको इस सवाल का जवाब मिल जाएगा.

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डेंगुू से बचाव

डेंगू कैसे फैलता है और प्रकार –

डेंगू बुखार मच्छर के काटने से होता है. इस मच्छर को एडीज मच्छर कहा जाता है. भारत में यह बीमारी बरसात के मौसम में या ठीक उसके बाद के समय में ज्यादा फैलती है. आमतौर पर जब कोई मच्छर काटता है, तो उसके 3 से 5 दिन बाद हमें डेंगू के लक्षण दिखाई देते हैं. यह संक्रमण काल 3 से 10 दिन का भी हो सकता है. डेंगू बुखार के लक्षणों की बात करें, तो यह तीन प्रकार के होते हैं. पहला – साधारण डेंगू बुखार , दूसरा डेंगू हेमरेजिक बुखार ( DHF ) तथा तीसरा – शाक सिंड्रोंम ( DSS ) . अगर साधारण डेंगू बुखार की बात करें, तो यह बीमारी अपने आप भी ठीक हो जाती है. इससे इंसान की मृत्यु नहीं होती है. लेकिन अगर बात करें, डेंगू हेमरेजिक बुखार ( DHF ) तथा शाक सिंड्रोंम ( DSS ) की तो इनके समय रहते इलाज ना कराने पर यह हमारे लिए जानलेवा साबित हो सकता है. लेकिन अगर समय पर इनका इलाज किया जाए तो इनका इलाज संभव है.

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डेंगू

लिवर सूजन कितनी खतरनाक है-

अगर डेंगू बुखार की वजह से लिवर में सूजन भी आ जाता है, तो इसको इग्नोर करना हमारे लिए जानलेवा भी हो सकता है. इसके लिए हमें जल्द से जल्द इसके विशेषज्ञय से संपर्क करना चाहिएं तथा उसके बताए अनुसार तुरंत इलाज चालू करवाना चाहिएं.

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साधारण डेंगू बुखार का उपचार-

अगर साधारण डेंगू बुखार है, तो यह आमतौर पर खुद ही ठीक होने वाली बीमारी है. इसलिए लक्षणों के हिसाब से दवा ले सकते हैं. इसमें स्वास्थ्य कर्मचारी की सलाह पर पेरोसिटामाल की गोली को लेकर बुखार को कम रख सकते हैं. इसमें रोगी को डिसप्रिन या एस्प्रीन कभी ना दें. इसके अलावा अगर बुखार 102 डिग्री F तक या अधिक हो तो हाइड्रोथैरेपी करें. इसके अलावा रोगी को आराम करने दें. यहां यह ध्यान देने योग्य बात हैं कि यह उपचार साधारण डेंगू बुखार के रोगी के उपचार के लिए है. लेकिन अगर बात करें, डेंगू हेमरेजिक बुखार ( DHF ) तथा शाक सिंड्रोंम ( DSS ) की तो इनके समय रहते इलाज ना कराने पर यह हमारे लिए जानलेवा साबित हो सकता है. उसके लिए तुंरत विशेषज्ञय से संपर्क करे.

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारी पर आधारित हैं. News4social इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।

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