किसी व्यक्ति का Sex Change कैसे होता है?(Kisi Vyakti Ka Sex Change Kaise Hota Hai?)
सेक्स परिवर्तन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा एक जीवित व्यक्ति सेक्स को बदलता है – जिसके द्वारा महिला यौन विशेषताओं को पुरुष के लिए प्रतिस्थापित किया जाता है या इसके विपरीत। लिंग परिवर्तन स्वाभाविक रूप से हो सकता है, जैसा कि कुछ प्रजातियों में देखा गया अनुक्रमिक हेर्मैप्रोडिटिज़्म के मामले में होता है। सबसे अधिक, हालांकि, इस शब्द का प्रयोग सेक्स रिअसाइनमेंट थेरेपी के लिए किया जाता है, जिसमें सेक्स रीसाइनमेंट सर्जरी शामिल है, जो मनुष्यों पर किया जाता है।
इस ऑपरेशन में लिंग और अंडकोष (testicles) निकालकर योनी बनाई जाती है। योनी में clitoris भी होता है।ऑपरेशन के समय पेसेंट को टेबल पर घुटने मोड़कर लिटाया जाता है। फिर मूत्रमार्ग (urethra) में कैथिटर डाला जाता है ताकि मूत्र निकास हो सके। सर्जन अंडकोश की थैली में फिर चीरा लगाते हैं, त्वचा के फ़्लैप को पीछे खींचते हैं और फ़िर अंडकोष निकाल देते हैं।
Sex Change कैसे होता है–
इसके बाद लिंग की अनुभूति देने वाली तंत्रिका पृष्ठीय तंत्रिका बंडल (dorsal nerve bundle) ,लिंग के हेड और मूत्रमार्ग को लिंग के मुख्य शेफ़्ट (corpus cavernosum) से अलग कर दिया जाता है।
फिर पेशेंट के पैर उठाकर लिंग को जहां तक संभव हो pubic bone तक काटा जाता है। इस चीरे के बाद सिर्फ़ मूत्रमार्ग ही बचता है। ये चीरा छोटा होता है जिसे बाद में योनी में उस जगह रख दिया जाता है जहां किसी महिला का मूत्रमार्ग होता है।
लिंग और उसके आगे की त्वचा से बची चमड़ी से फिर vaginal canal बनाई जाती है जिसे ‘neo-meatus’ कहते हैं। मूत्रमार्ग के बाकी हिस्से को बांध दिया जाता है ताकि योनी कनाल चौड़ी हो सके और महिला सेक्स कर सके।
इसके बाद जननांग में उन जगहों पर चीरे लगाये जाते हैं जहां महिलाओं का clitoris और मूत्रमार्ग होता है। क्लिटोरिस लिंग के हेड से बनाया जाता है जिसे बाद में जननांग से जोड़ दिया जाता है।
सर्जन इसके बाद अंडकोष की थैली में और नीचे गुदा तक चीरा लगाकर गुदा की मुख्य नस को काट देते हैं। नयी योनी की जगह बनाने के लिये गुदा और प्रोस्टेट के बीच जगह बनाई जाती है।
योनी के बाहरी और भीतरी अंग लैबिया मिनोरा और मजोरा (लिप्स) बनाने के लिये मूत्रमार्ग की त्वचा का इस्तेमाल किया जाता है।
पुरुष अगर एक बार महिला बन गया तो फिर वापस पुरुष नहीं बन सकता इसलिये मरीज़ और डॉक्टर को सेक्स चेंज का फ़ैसला बहुत सोच समझकर करना चाहिये।
सेक्स परिवर्तन एक ऐसी प्रक्रिया है–
यह ऑपरेशन सीधा साधा नहीं है क्योंकि इसमें संक्रमण होने का ख़तरा होता है और इसे ठीक होने में भी टाइम लगता है।
यह भी कभी-कभी लोगों को इंटरसेक्स के लिए लागू चिकित्सा प्रक्रियाओं के लिए उपयोग किया जाता है। इस शब्द को लिंग भूमिका (“एक महिला के रूप में जीने” के बजाय पुरुष के रूप में रहने की व्यापक प्रक्रिया पर लागू किया जा सकता है, या इसके विपरीत), जिसमें जरूरी नहीं कि चिकित्सा प्रक्रियाओं तक सीमित हो।
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