पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव चल रहे हैं. ये चुनाव 8 चरणों में कराए जा रहे हैं. पश्चिम बंगाल के चुनाव का परिणाम 2 मई, 2021 को घोषित किया जाएगा. पश्चिम बंगाल में चुनाव को लेकर बहुत गर्मजोशी का माहौल बना हुआ है. पिछले 2 बार चुनाव में जीत हासिल करने वाली पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और केंद्र में सत्ताधारी पार्टी बीजेपी में कांटे की टक्कर नजर आ रही है.
ऐसा नहीं है कि पश्चिम बंगाल में सिर्फ ये दो ही पार्टियां हैं. पश्चिम बंगाल में अनेंक राजनैतिक पार्टियां हैं, लेकिन मुख्य रूप से ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी में ही कांटे की टक्कर नजर आ रही है. अगर पश्चिम बंगाल की राजनैतिक पार्टियों की बात करें, तो छोटी- छोटी अनेंक पार्टियों का अस्तित्व है. पश्चिम बंगाल की वो पार्टियां जिन्होंने पिछले विधान सभा चुनाव में सीट निकाली थी उनका वर्णन इस प्रकार है- सर्वभारतीय तृणमूल कांग्रेस (210) , भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (44) , भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) (25) , रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (3) , भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (1) , मार्क्सवादी फॉरवर्ड ब्लॉक (1) ऑल इंडिया फार्वर्ड ब्लाक (2) , भारतीय जनता पार्टी (3) गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (3).
इस बार के पश्चिम बंगाल चुनाव की बात करें, तो पहले से मौजूद राजनीतिक पार्टियों के अलावा ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन भी अब की बार पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव लड़ रही है. इस पार्टी के अध्यक्ष असद्दुदीन ओवैसी हैं. ओवैसी पहली बार 2004 में हैदराबाद लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने गए थे.
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पश्चिम बंगाल में कितनी राजनैतिक पार्टियां हैं, इस सवाल की बात करें तो वहां लगभग 10 से 11 मुख्य राजनैतिक पार्टियां हैं. जिनकी सीट आती हैं. अभी पश्चिम बंगाल में फिर से चुनाव चल रहे हैं. जिसका परिणाम 2 मई , 2021 को आएगा. जिसके बाद पश्चिम बंगाल का मुख्यमंत्री किस पार्टी का होगा तथा कौन सी नई पार्टी उभरकर आएगी इसका फैसला भी होगा.