पंजाब में कितने धार्मिक स्थल हैं और उनका क्या महत्व है ?

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धार्मिक स्थल
धार्मिक स्थल

भारत का एक राज्य पंजाब जिसकी ज्यादात्तर संख्या सिख समुदाय से संबंध रखती है. सिख धर्म में इनके धार्मिक स्थल को गुरुद्वारा कहते हैं. जब भी पंजाब के बारे में चर्चा करते हैं, तो सबसे पहला नाम अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर और जालियांवाला बाग़  आदि का नाम सबसे पहले आता है. इन सबके अलावा पंजाब में और भी बहुत कुछ है, अगर आप वाकई में अपनी संस्कृति, परंपराओं और प्राचीन इतिहास की सुंदरता को देखने के उत्सुक हैं, तो आपको एक बार पंजाब के वैभवशाली धार्मिक स्थलों को अवश्य देखना चाहिए. पंजाब में अनेंक धार्मिक स्थल है. इनमें से कुछ प्रमुख की चर्चा करते हैं.

बाबा कन्हैया गिर मंदिर – पंजाब के होशियारपुर जिले में मुकेरियन में स्थित यह प्राचीन मंदिर इस क्षेत्र में सबसे ज्यादा जाने-माने स्थानों में से एक है. भगवान शिव को समर्पित इस मंदिर में अधिकतर श्री कन्हैया गिर जी महाराज के अनुयायियों ही दर्शन करने पहुंचते हैं.

Golden temple Akal Takhat -
स्वर्ण मंदिर

मुक्तेश्वर महादेव मंदिर – पंजाब के प्रमुख मन्दिरों में से एक मुक्तेश्वर मंदिर शाहपुर कांदी डैम रोड पर स्थित पठानकोट शहर के निकट स्थित है, जिसे मुकेसरन मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. पहाड़ी के शिखर पर स्थित मुक्तेश्वर महादेव मंदिर में सफ़ेद संगमरमर से बनी शिवलिंग है जिसके ऊपर ताम्बे की योनि बनी हुई है. मंदिर के प्रमुख प्रांगण में भगवान् गणेश, भगवान् ब्र्ह्मा, भगवान् विष्णु, भगवान् हनुमान और देवी पार्वती की प्रतिमाएं स्थापित है. मंदिर के आसपास कुछ गुफायों को भी देखा जा सकता है.

Mukteshwar Mahadev -
मुक्तेश्वर मंदिर

जुल्फा माता मंदिर – पंजाब के रूपनगर, नांगल शहर में स्थित जुल्फा माता मंदिर एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है. यह मंदिर 51 शक्ति पीठों में से एक है. माना जाता है कि, जब देवी सती दक्ष के यज्ञ कुंड में कूद गयी थी, तब भगवान शिव मौत का तांडव करने लगे थे, वह देवी सती का शरीर लेकर जा रहे थे, तब देवी सती के बाल इसी जगह गिरे थे, इसीलिए इसे जुल्फा देवी मंदिर कहा जाता है. दुर्गियाना मंदिर, अमृतसर – अमृतसर के लोहगढ़ गेट के पास स्थित माता दुर्गा का दुर्गियाना मंदिर को आप अमृतसर के स्वर्ण मंदिर का हिन्दू संस्करण भी कह सकते हैं, जो सिक्ख धर्म का धार्मिक स्थल है

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अमृतसर का हरमिन्दर साहिब गुरुद्वारा, जिसे स्वर्ण मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. करतारपुर साहिब, 1594 में पांचवें सिख गुरु, गुरु अर्जन देव द्वारा ब्यास नदी के पास, जालंधर जिला, पंजाब भारत में स्थापित किया गया था. श्री हरगोबिंदपुर, पांचवें सिख गुरु, गुरु अर्जन देव द्वारा स्थापित, ब्यास नदी के पास, गुरदासपुर जिला, पंजाब भारत में है. इसके अलावा पंजाब के महदियां गांव में यहां एक ही परिसर में मस्तगढ़ साहिब गुरुद्वारा भी है और 300 साल पुरानी सफेद चितयां मस्जिद भी. इससे इसका महत्व और बढ़ जाता है.