जानिए कैसे पहचाने प्लास्टिक से बने चावल?

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जानिए कैसे पहचाने प्लास्टिक से बने चावल?

धान के बीज को चावल कहते हैं। यह धान से ऊपर का छिलका हटाने से प्राप्त होता है। चावल सम्पूर्ण पूर्वी जगत में प्रमुख रूप से खाए जाने वाला अनाज हैबतादें की भारत में भात, खिचड़ी सहित काफी सारे पकवान बनते हैं। चावल का चलन दक्षिण भारत और पूर्वी-दक्षिणी भारत में उत्तर भारत से अधिक है।बतादें की बड़े-बड़े व्यापारी पैसा कमाने के लिए इन कामों को अंजाम देते हैं।

सबसे बड़ी बात यह चावल बिल्कुल असली चावल जैसा दिखाई देता है और इसको खाने से गंभीर बीमारियां हो सकती है।हर नागरिक को ये डर लगने लगा है कि कहीं वो प्लास्टिक से बने चावल को तो नहीं खा रहे हैं। प्लास्टिक चावल देखने में तो सधारण चावल की तरह दिखता है लेकिन ये चावल आपको बीमार बना सकता है। इसी बीच हम आपको वो पांच तरीके बता रहे हैं जिससे आप प्लास्टिक चावल और असली चावल में फर्क समझ पाएंगे। इन पांच तरीकों से आप प्लास्टिक चावल को देखते ही पहचान जाएंगे।

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अब आपको यह भी बतादें की सबसे पहले थोड़े से कच्चे चावल को एक पानी भरे बर्तन में डालें यदि चावल पानी में बैठ जाए तो वह असली है और अगर तैरने लगे तो समझ जाइए कि उसमें कुछ मिलावट है।आप इस तरह भी पहचान कर सकते है जैसे कि चावल को जलाकर भी देख सकते हैं। चावल जलाने में को भी प्लास्टिक की महक आने लगती है। चावल को कूटकर भी चेक कर सकते हैं, यदि कूटने पर चावल का रंग बदल जाता है, तो वह नकली हो सकता है।थोड़े से चावल को माचिस या लाइटर की मदद से जलाए। अगर वो प्लास्टिक से बना चावल होगा या प्लास्टिक के कण उसके अंदर होंगे तो प्लास्टिक के जलने जैसी खुशबू आएगी। इस तरीके से आप आसानी से प्लास्टिक चावल को पहचान पाएंगे। और खुद को बीमार होने से भी बचा पाएंगे।

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बतादें की नकली चावल बनाने के लिए आलू के स्टार्च को प्लास्टिक के साथ मिक्स किया जाता है।इसके बाद मिक्सर मशीन में डालकर चावल को आकर दिया जाता है। यह काम अधिकतर चीन में होता है।नकली और असली चावल को उबालने के दौरान भी पहचाना जा सकता है। अगर चावल प्लास्टिक से बना है, तो उबलते समय वह बर्तन पर एक मोटी परत बनायेगा। अगर वो असली चावल होगा तो सधारण परत के साथ खौलेगा।

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