कैसे करे कोरोना से देश में अर्थव्यवस्था को पहुंचे नुकसान की भरपाई
दुनियाभर में कोरोना वायरस से आतंक का माहौल है। दिन प्रति दिन कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे है। कोरोना के कारण अर्थवयव्था को भी बहुत बड़ा झटका लगा है। कभी दुनिया की सबसे तेज़ गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था की विकास दर बीते साल 4.7 फ़ीसदी रही. यह छह सालों में विकास दर का सबसे निचला स्तर था।
साल 2019 में भारत में बेरोज़गारी 45 सालों के सबसे अधिकतम स्तर पर थी और पिछले साल के अंत में देश के आठ प्रमुख क्षेत्रों से औद्योगिक उत्पादन 5.2 फ़ीसदी तक गिर गया. यह बीते 14 वर्षों में सबसे खराब स्थिति थी। कम शब्दों में कहें तो भारत की आर्थिक स्थिति पहले से ही ख़राब हालत में थी। विशेषज्ञों का मानना है कि अब कोरोना वायरस के प्रभाव की वजह से जहां एक ओर लोगों के स्वास्थ्य पर संकट छाया है तो दूसरी ओर पहले से कमज़ोर अर्थव्यवस्था को और बड़ा झटका मिल सकता है।
लॉक डाउन के कारण देशभर में कारोबार एक दम ठप होगया है। अगर कोरोना वायरस के केहर से देश को बचाना है तो इस महामारी के खत्म होने के बाद कुछ कदम उठाने से हम हमारी देश की अर्थवयवस्था को बेहतर कर सकते है।जो कुछ भी खरीदे, उसकी अच्छे से जांच कर लें की वह भारत में ही निर्मित है।
यह भी पढ़ें : क्या कोरोना वायरस जूतों या पॉलीबैग से भी फैलता है?
उदाहरणस्वरूप- पतंजलि, टाटा, ITC, parley इत्यादि। देश में ही छुट्टियां मनाए। विदेश के चक्कर में मत पड़े।Hand made चीज़ों को प्राथमिकता दें। इससे छोटे बुनकरों को फायदा मिलेगा।ऑनलाइन शॉपिंग की जगह, सामान आसपास के दुकानदारों से खरीदे। कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण भारत के इकॉनमी सबसे ज्यादा प्रभवित हुई है।