सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है जिसमें उन पुलिस वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है जो कल हैदराबाद एनकाउंटर में शामिल थे।
याचिका में FIR दर्ज करने और पुलिसकर्मियों के खिलाफ जांच का निर्देश देने की मांग की गई थी।
वकील जी एस मणि और प्रदीप कुमार यादव ने कोर्ट में याचिका यह कहते हुए डाली है कि 2014 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया गया था और इसलिए यह पूरी तरह से जांच के योग्य मामला है।
हैदराबाद महिला पशु चिकित्सक के भयावह बलात्कार और हत्या मामले के चार आरोपियों को शुक्रवार को घटनास्थल पर ले जाकर पुलिस ने आत्मरक्षा में एनकाउंटर में मार गिराया था। पुलिस से हथियार छीनने के बाद 26 साल के मोहम्मद, जोलू शिवा, जोलू नवीन और चिंताकुंटा चेन्नेकशवुलु भागने की कोशिश कर रहे थे। पुलिस ने कार्रवाई में फिर गोली चला दी।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि इन चारों को 4 दिसंबर को पूछताछ के लिए लाया गया था। उन्हें 29 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था। पूछताछ के दौरान, उन्होंने उस भयानक अपराध के लिए कोई पछतावा नहीं दिखाया जो उन्होंने किया था।
वे जानते थे कि अपराध स्थल के पुनर्निर्माण के लिए उन्हें मौके पर ले जाया जाएगा। पुलिस सूत्र ने कहा कि उन्होंने भागने की योजना बनाई थी। वे अंधेरे का फायदा उठाना चाह रहे थे।
उनमें से एक ने बन्दूक छीनकर भागने की कोशिश की थी। इसलिए पुलिस को जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी। साइबराबाद के पुलिस आयुक्त वी सी सज्जनर ने पुष्टि की कि एक क्रॉस फायर हुआ था और कहा कि बलात्कार और हत्या के मामले के चार आरोपियों की हत्या हो गयी।
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चारों आरोपियों को घटनास्थल पर ले जाया गया जहां बलात्कार और हत्या हुई थी। पुलिस ने करीब रात के करीब 3.30 बजे आरोपी को अपराध स्थल सीन को रिक्रिएट करने के लिए कहा गया। यह एक ऐसी प्रक्रिया है जो भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत अनिवार्य है।
जैसा कि यह प्रक्रिया चल रही थी, आरोपियों में से एक ने पुलिस से हथियार छीन लिए और बाकी आरोपियों के साथ भागने की कोशिश की। उनमें से एक ने गोलियां चलाईं, जिसके बाद पुलिस को जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी और आरोपी व्यक्तियों पर गोलियां चलाईं गयी।