उमा भारती (Uma Bharti) एनडीए -1 के कार्यकाल में जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री का पदभार संभाल रहीं थी. आपदा को लेकर अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा, ‘ग्लेशियर टूटने से हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट को नुकसान पहुंचा है और भीषण त्रासदी आई है.’
‘मंत्री पद पर रहते हुए लिया था जायजा’
गौरतलब है कि उमा भारती, पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की अगुवाई वाली एनडीए -1 के कार्यकाल में जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री का पदभार संभाल रहीं थी. इस आपदा को लेकर अपने सिलसिलेवार ट्वीट में उन्होंने लिखा, ‘ ग्लेशियर टूटने से पनबिजली परियोजना को नुकसान पहुंचा है और भीषण त्रासदी आई. हिमालय के ऋषि गंगा (Rishi Ganga) में हुई ये त्रासदी प्रकृति की ओर से दी गई चेतावनी है.
बांधों के बारे में हलफनामे में दी थी जानकारी
अपने अगले ट्वीट में उमा भारती ने लिखा है, ‘इस संबंध में मैंने अपने मंत्रालय की तरफ से हिमालय उत्तराखंड के बांधों के बारे में जो हलफनामा दिया था उसमें यही आग्रह किया था कि हिमालय एक बहुत संवेदनशील स्थान है इसलिये गंगा एवं उसकी मुख्य सहायक नदियों पर पनबिजली प्रोजेक्ट नहीं बनने चाहिए.’
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‘इस तरह पूरी हो सकती थी बिजली की कमी’
उन्होंने कहा कि उस फैसले से बिजली आपूर्ति में होने वाली कमी को राष्ट्रीय ग्रिड से पूरा किया जा सकता था. भारती ने कहा कि वह शनिवार को उत्तरकाशी में थीं और अभी हरिद्वार में हैं. उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ (Joshimath) में नंदा देवी ग्लेशियर (Nanda devi Glacior) टूटने से रविवार को धौली गंगा नदी (Dhauli Ganga River) में भीषण बाढ़ आई है