नई दिल्ली: मध्य प्रदेश में सत्ता बदलने के बाद ही कांग्रेस ने राज्य में अपना दबदबा कायम कर दिया है. मध्य प्रदेश के नए सीएम कमलनाथ सरकार के आते ही नई योजनाएं बनाने लगी है. किसानों की कर्जमाफी के साथ ही कन्या विवाह के दौरान मिलने वाली राशि में इजाफा किया है.
योजनाएं की गई बंद तो उसका जवाब ईंट से ईंट बजा कर देंगे- शिवराज सिंह
बता दें कि ऐसे में सवाल अब यह उठ रहें है कि शिवराज सरकार के दौरान शुरू की गई योजनाओं का क्या होगा. राज्य की खाली खजाने को देखते हुए पुरानी योजनाएं चला पाना काफी मुश्किल लग रहा है. वहीं दूसरी तरफ मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान यह बयान दे चुके है कि अगर उनके कार्यकाल के दौरान शुरू की गई योजनाओं को बंद किया गया तो वह इसका जवाब ईंट से ईंट बजा कर देंगे. अब देखना यह दिलचस्प होगा कि कमलनाथ सरकार इन योजनाओं को लेकर क्या नया रुख अपनाती है.
आपको बता दें कि सूबे में पहले से ही दो लाख करोड़ का कर्ज है. ऐसे में अब यह तय माना जा रहा है कि कमलनाथ सरकार पुरानी कुछ योजनाओं को बंद कर सकती है या फिर उनमें बदलाव किए जा सकते है. अब सरकार द्वारा पुरानी योजनाएं खत्म होगी की नहीं इसको लेकर अभी से ही सूबे में सियासी पारा गर्म है. मध्य प्रदेश में सरकार पलटते ही कमलनाथ सरकार ने शिवराज सरकार के दौरान जमे आईएएस अधिकारियों को उनकी जगह से हिला डाला. पहली बड़ी प्रशासनिक सर्जरी में 45 से अधिक अधिकारियों को हटाया गया है. इस बदलाव के साथ ही अब ये अटकलें शुरू होगी है कि क्या शिवराज सरकार के दौरान शुरू हुई इन नई सरकारी योजनाओं को भी बंद किया जाएगा.
भावांतर से लेकर संबल जैसे बड़ी योजनाएं लॉन्च की थी- शिवराज सरकार
शिवराज सरकार ने चुनावी फायदे देखते हुए भावांतर से लेकर संबल जैसे बड़ी योजनाएं लॉन्च की थी. संबल योजना में एक करोड़ से अधिक गरीब लोगों को लाभ देने का टारगेट तय किया गया था. 200 रूपये में बिजली और पुराने बिजली बिल माफ करने जैसे प्रावधान भी शामिल थे. इस योजना के लिए शुरुआती दौर में करीब 800 करोड़ रूपये का बजट तय था. इसके कार्ड में शिवराज सिंह चौहान की फोटो लगाई गई थी. किसानों को उनके भाव का अंतर देने के लिए भावांतर योजना भी शुरू की गई थी.