रेलवे नेटवर्क किसी भी देश की विकास प्रगृति के बारे में बताते है। रेलवे दुनिया में परिवहन का सबसे पुराना और विख्यात रूप है। इसके इतिहास काफी पुराना और अनूठा है। रेलवे नेटवर्क का इस्तेमाल काफी लम्बा वक़्त से हो रहा है। इसका उपयोग एक स्थान से दुसरे स्थान तक आवाजाही के लिए अमूनन होता है। साथ ही साथ इसका उपयोग खाद्ये प्रदार्थ और अन्य चीज़ो को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाने के लिए भी किया जाता है। ऐसे बहुत से देश है जहां रेलवे सेवा उपलब्ध है और अपने देश के नागरिकों को यह सेवा मोहिया करवाई जाती है।
लेकिन क्या आप जानते है ऐसे कई देश है जहाँ अभी तक रेलवे नेटवर्क नहीं है।अंडोरा, भूटान, साइप्रस, आइसलैंड, कुवैत, लीबिया, मॉरीशस, नाइजरओमान, कतर, सोमालिया और यमन ऐसे देश है जहां रेलवे कनेक्टिविटी नहीं है। यह ऐसे देश है जो अभी तक रेलवे सेवा से वंचित है। आपको बताना चाहेंगे की 6 वीं शताब्दी ईसा पूर्व में प्राचीन ग्रीस में रेलवे नेटवर्क का इतिहास शुरू हुआ था। पहले इसका उपयोग खदानों में किया जाता था, लोगों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाने के लिए।
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अगर अंडोरा की बात की जाए तो यहाँ की जनसंख्या के हिसाब से 11 वां सबसे छोटा और जमीन से 16 वां सबसे छोटा देश है। टूलूज़ और लाटौर-डे-कैरल को जोड़ने वाली फ्रांसीसी रेलवे लाइन के अलावा जो इस देश की सीमा में लगभग 1.2 मील चलती है, अंडोरा में कभी भी रेलवे नेटवर्क नहीं था। निकटतम रेलवे स्टेशन फ्रांस में एक है जो एंडोरा-ला-वेला के लिए एक बस सेवा द्वारा देश से जुड़ा हुआ है।
इन देशों में रेलवे नेटवर्क नहीं होने का मुख्य कारण यह है की इन देशों के पास निर्माण के लिए धन की कमी है। आइसलैंड जैसे देशों में रेलवे के निर्माण को प्रभावित करने वाली प्राथमिक चुनौती एक खराब वातावरण है। कुवैत जैसे तेल समृद्ध देशों में, सड़कों पर परिवहन का बोलबाला है, इसलिए सरकार को रेलवे लाइन के निर्माण की आवश्यकता महसूस नहीं होती , लेकिन सड़कों पर वाहनों की बढ़ती संख्या के कारण भीड़भाड़ उन्हें रेलवे नेटवर्क बनाने के लिए बाध्य कर रही है।